नीलगाय के आतंक से किसान परेशान,सब्जियों और मकई की खेती करना छोड़ा
शेखपुरा / शेखोपुरसराय। जिले के लगभग सभी छह प्रखंड क्षेत्र के लगभग एक सौ गांव के लोग नीलगाय के आतंक से परेशान है। नील गायों की संख्या जहां एक तरफ बढ़ती जा रही है। वहीं इनका आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। जिसके कारण किसान काफी परेशान हो रहे हैं । खेतों की रखवाली के लिए किसानों को रात में जागना पर रहा है। जिले के शेखोपुरसराय प्रखंड क्षेत्र के अंबारी, मोहब्बतपुर, सादिकपुर नीमी, पहाड़िया, मियनबीघा, पनहेसा, चरुआमा, सुगिया, जोधन बीघा, ओनमा के अलावे प्रखंड के दो दर्जन से अधिक गांव में नीलगाय का आतंक बढ़ता जा रहा है ।

इसी तरह बरबीघा प्रखंड के शेर पर , नरसिंह पुर , तोयगढ , केवटी , पांक पर , गंगट्टी, खोजागछी ,खलीलचक , चेवाडा प्रखंड के लोहान , कपासी, छठियारा , एकाढा, अस्थावा , अरियरी प्रखंड के सनैया , मनकौल , टाडा पर , चांदी , वृंदावन आदि गांव में नील गायों का आतंक जारी है। बताया जाता है कि रात हो या दिन नील गायों का झुंड के झुंड आकर लगे हुए फसल को नष्ट कर देता है एवं खेतों को रौंदकर फसल को बर्बाद कर देता है।जबकि हरी सब्जियों , मकई ,सहित कई तैयार फैसलों के फलों , सब्जियों को खा जा रहे है। बरबीघा निमी गांव के किसान मुकेश सिंह, दिनेश सिंह, उमेश सिंह, राकेश सिंह सहित अन्य लोगों ने बताया कि कई वर्षों से उनके गांव एवं आसपास के गांव में नीलगाय का आतंक है। लेकिन इसका आतंक दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। खेतों में लगे फसलों को रात के अंधेरों में आकर नील गायों का झुंड नष्ट कर देती है। जिसके कारण किसानों को काफी नुकसान झेलना पर रहा है।
नील गायों के आतंक से परेशान कई बार जिले के किसानों द्वारा जिला प्रशासन से गुहार लगाई गई थी। लेकिन आज तक प्रशासन द्वारा इनके आतंक से फसलों को होने वाली क्षति से निजात नहीं दिलाया जा सका। कई किसान को इनके आतंक के कारण लागत मूल्य भी फसलों से नही मिल पा रही है। जबकि कई किसानों ने सब्जियों और मकई की खेती करना छोड़ दिया। उधर किसानों ने डीएम सावन कुमार से इनके आतंक से निजात दिलाने की गुहार लगाई है।