शेखपुरा: सरस्वती पूजा की समाप्ति के बाद बुधवार को प्रतिमा विसर्जन शुरू किया गया। जिला प्रशासन ने शांतिपूर्ण प्रतिमा विसर्जन के लिए दंडाधिकारियो की तैनाती कर रखी है। जिला प्रशासन के बंदिश के तहत इस बार प्रतिमा विसर्जन के दौरान डीजे पर थिरकते युवा नजर नहीं आ रहे थे। भक्तिभाव के साथ आयोजन के बाद बुधवार को सभी प्रतिमा विसर्जन करने का निर्देश जारी किया गया था। बुधवार से मैट्रिक की परीक्षा शुरू होने के कारण यह आदेश जारी किया गया था।
कोरोना संकट काल के बाद यह पहला त्यौहार था जहाँ युवाओ ने उत्साह के साथ पूजा का आयोजन किया। बड़ी संख्या में शिक्षण संस्थानों के आलवा शहर से लेकर गाव तक युवाओ ने प्रतिमा की स्थापना की थी। बीते दिन देर शाम तक प्रतिमा के दर्शन का दौड़ जारी रहा। उसके बाद श्रद्धा और उत्साह के साथ प्रीतिमा का विसर्जन निकटवर्ती नदी और तालाब में किया गया।
प्रतिमा स्थापित करने वाले युवाओ ने अश्रुपूर्ण आँखों से विद्या की देवी सरस्वती को बिदाई दी। युवाओ ने माता से बुद्धि और विद्या की याचना के साथ साथ दुनिया को कोरोना से मुक्त करने की भी दुआ मांगी। कोरोना ने सभी को हिला रखा है। कोरोना के कारण युवाओ ने दशहरा सहित अन्य त्यौहार नहीं माना पाए थे। सरस्वती पूजा में पूरा जश्न में जिला डूबा रहा।
सोर्स : शेखपुरा की हलचल
