बिहार सरकार द्वारा बिहार की शिक्षा विभाग को आगे बढ़ाने के लिए कई प्रयास किये जा रहे है, जिसमें उनके द्वारा स्टूडेंट्स को स्कॉलरशिप देने से लेकर उनको किताब के पैसे मुहैया कराने का फैसला शामिल है, पर इस बार बिहार सरकार ने अपनी कुछ निति में बदलाव करने का फैसला लिया है,जिसमे बिहार सरकार ने कहा है, की अब छात्रों को किताब के पैसे नहीं दिए जायेंगे बल्कि पैसो की जगह उनकों मुफ्त किताबे मुहैया कराई जाएगी. आइये जानते है क्या है पूरी न्यूज़,.

शिक्षा विभाग ने अगले सत्र यानि मार्च में एग्जाम होने के बाद से क्लास 8 के बच्चे को पैसे की जगह मुफ्त की किताबे उपलब्ध करवाने का फैसला किया है, और किताबे मुहैया करवाने की यह जिमेदारी पूरी तरह से विद्यालयों के कर्मचारियो और उनके अध्यापक के ऊपर रहेगी. किताबों के प्रकाशन और उसके वितरण की एजेंसी तय करने के लिए 47 निविदा आयी हैं. विभाग ने तय कर लिया है कि वह 1.27 करोड़ किताबें छपवायेगा. किताब छपवाने के लिए सरकार द्वारा तय की गयी एजेंसी को काम दे दिया जायेगा, और साकार के अनुमान से अगले सैक्षणिक सत्र से किताबो की वितरण शुरू की जाएगी.
हाल ही का ट्वीट
2/2बैठक में सभी प्रतिनिधियों ने शिक्षकों एवं शिक्षा व्यवस्था से सम्बंधित विभिन्न समस्याओं को माननीय मंत्री,विभाग के अपर मुख्य सचिव एवं अन्य पदाधिकारियों के समक्ष रखा तथा मा. मंत्री के द्वारा विभाग की ओर से इन समस्याओं का त्वरित निवारण हेतु आश्वासन भी दिया गया।#BiharEducationDept pic.twitter.com/kzWjTzTaTa
— Bihar Education Department (@BiharEducation_) November 18, 2022
सूत्रों के हिसाब से शिक्षा विभाग द्वारा 1.13 करोड़ किताबें हिंदी की, 4.69 लाख किताबें उर्दू की और अदर विषयों की 9.76 लाख किताबें छापी जानी हैं. इसके अलावा बांग्ला की 1557 किताबें प्रकाशित की जायेंगी,जो स्टूडेंट 70% उपस्थिति की नियम के तहत आएंगे उनको यह किताब उपलब्ध कराई जाएगी, तथा हर जिला के लिए जिलावार किताबे प्रकाशित करवाई जाएगी,
आपको बता दे की इससे पहले स्टूडेंट्स को किताबो के पैसे उनके अकाउंट में भिजवाया जाता था, जिसका की उपयोग बच्चे किताब न खरीद कर दूसरे कामो में लगा देते थे, और इसी को रोकने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा यह फैसला लिया गया है, की अब बच्चो को पैसे की जगह किताबे उपलब्ध कराई जाएगी, जिसका की उदाहरण आपको अगले साल से देखने को मिल जायेगा.