दो दिनों के भीतर जिले में कोरोना के 25 मामले सामने आए हैं। बदलते माैसम के कारण आंकड़ों में अचानक वृद्धि इजाफा हुआ है। जिले में कोरोना मरीजों की संख्या 2780 हो गई है। अच्छी बात यह है कि इसमें से 2701 लोग स्वस्थ हाे चुके हैं। भले ही जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या कम है। इन दिनों सैंपल टेस्टिंग की संख्या में काफी कमी आई है।
गृह विभाग ने भी 30 नवंबर तक जिले भर में काेराेना संक्रमण काे लेकर मास्क, सैनिटाइजर की उपयाेग को लेकर निर्देश जारी किया है। वहीं डीएम इनायत खान ने भी सभी अधिकारियाें काे मास्क, सैनिटाइजर व सामाजिक दूरी के पालन काे लेकर कई तरह के निर्देश दिये हैं।
बिना मास्क के बाजार में घूमते हैं लाेग
शहर में हर 15 व्यक्ति में 12 के मुंह पर मास्क नहीं है। सोशल डिस्टेंसिंग क्या होता है, जैसे किसी को पता ही नहीं है। सरकारी दफ्तर हो या निजी क्लीनिक या फिर मॉल हो या शहर की सड़कें। हर जगह लोगों की भीड़ ही नजर आती है। दुकानदार भी बिना मास्क लगाकर दुकान पर रहते हैं।
अनलॉक शुरू होने के बाद जिले में कुछ नियम और शर्तों के साथ बस और ऑटो को चलने की अनुमति दी गई थी। उस समय नियम बनाया गया था कि हर दिन सभी सवारी वाहनों को सैनिटाईज किया जाएगा, सोशल डिस्टेंसिंग के तहत लोगों को बैठाया जाएगा। लेकिन अभी बसों, ऑटो, ई रिक्शा पर नियमों के विपरीत ओवर लोड सवारी को बैठाया जा रहा हैं।
ये चिंता की बात… प्रशासन की ओर से लगातार जागरूक किए जाने के बावजूद हम बरत रहे लापरवाही, ये गलत है
लॉकडाउन के शुरुआत यानी मार्च व अप्रैल में शेखपुरा पूरी तरह से सुरक्षित रहा। लोग कोरोना वायरस को लेकर सजग थे। लिहाजा कोरोना वायरस का खाता भी जिला में नहीं खुला था और हम ग्रीन जोन में थे। 27 अप्रैल को एक कोरोना संक्रमित पहली बार जिले के सीमा में चोरी-छिपे दाखिल हुए।
क्वॉरेंटाइन होने के बजाय एक मरीज घर पहुंच गया। हालांकि उसके संपर्क चेन आने के बाद ही जिले के लोग जागरूक हो गए थे। अधिकांश लोग लॉकडाउन का पूरी तरह से पालन कर रहे थे, लेकिन फिर लापरवाह हो गए। लिहाज जुलाई में एक मौत से कोरोना से मौत होने का सिलसिला शुरू हुआ है। फिर रूका नहीं और अब संख्या 12 पर पहुंच गया है, जो समाज के लिए चिंतनीय है।
जिले में कोरोना 2780 पर पहुंचा, मरने वालों की संख्या हुई 12
आप भले ही चुनाव में व्यस्त हों या मस्त हों। आपके दिमाग से कोरोना शब्द गायब हो गया हो। आप यह मान रहे होंगे, अब कोरोना का खतरा खत्म हो गया, लेकिन यह आपकी गलतफहमी है। कोरोना की रफ्तार धीमी जरूर पड़ी है, लेकिन बिल्कुल खत्म नहीं हुई है। अगर कोरोना के आंकड़ों पर गौर करें तो जिले में 92 हजार 697 संदिग्धों की जांच की गई है। जिसमें से 2780 लोग पॉजिटिव पाए गए। वहीं जिले में 12 लोगों को अपनी जान गवांनी पड़ी। अभी भी 77 मामले जिले में एक्टिव है।
मौसम में नमी से बढ़ सकता है कोरोना
एसएमओ डॉ. कृष्ण मुरारी प्रसाद सिंह ने बताया कि कोरोना का चेन काफी कमजोर हुआ है, लेकिन खतरा टला नहीं है। मौसम में गर्मी से कोरोना कमजोर हुआ था, लेकिन एक बार फिर मौसम में नमी आने से उसका खतरा बढ़ सकता है। इसलिए जब तक वैक्सीन नहीं आता, तब तक मास्क ही वैक्सीन है। घर से बाहर निकलते समय लाेगों को अनिवार्य रूप से लगाना चाहिए। इसके साथ ही घर में फ्रीज के प्रयोग बंद करना चाहिए। अगर करें तो उपयोग में लाने से घंटेभर पहले उसे बाहर निकाल दें।
शाम में गर्म कपड़ा जरूर पहनें। सर्दी होने का खतरा न हो इसका पूरा ख्याल रखें। पीएचसी प्रभारी डॉ.अशोक कुमार बताते हैं कि मौसम बदल रहा है। ऐसे मौमस में बच्चों काे ज्यादा सर्दी-खांसी व बुखार होने की संभावना होता है। इसलिए बच्चों को ठंडी से बचाएं। उन्हें पौष्टिक आहार दें और भीड़-भाड़ में न निकलने दें। निकलें तो मास्क उन्हें जरूर लगाएं। ताकि कोविड का कोई खतरा की संभावना न रहे।input bhaskar
