राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के मौके पर सदर अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा कुष्ठ निवारण दिवस मनाया गया। मौके पर उपस्थित पदाधिकारी एवं स्वास्थ्य कर्मियों ने गांधी जी का सपना कुष्ठ मुक्त भारत को साकार करने के लिए शपथ लिया। इसके पूर्व अतिथियों एवं उपस्थित स्वास्थ्य कर्मियों ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। मौके पर एसीएमओ डॉ कृष्ण मुरारी प्रसाद सिंह ने कहा कि महात्मा गांधी अपने जीवन काल में कुष्ठ रोगियों की सेवा व उनके प्रति छुआछूत एवं भेदभाव को समाप्त करने का भरपूर प्रयास करते रहे। वे कुष्ठ रोगियों को अपने आश्रम में रखते थे। उनके घावों को अपने हाथों से साफ करते थे। उन्होंने विश्व में यह सिद्ध कर दिया कि कुष्ठ रोग छूने से नहीं फैलता है। इसलिए समाज में कुष्ठ रोग के बारे में फैली छुआछूत एवं भेदभाव की भ्रांतियों को समाप्त करने के लिए 30 जनवरी को स्पर्श कुष्ठ रोग जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही उन्होंने बताया लेप्रा बेसिलाई नामक जीवाणु द्वारा फैलता है। और यह किसी भी व्यक्ति को हो सकता है। इस रोग की पहचान बहुत आसानी से की जा सकती है। यदि किसी व्यक्ति की त्वचा में कोई धब्बा दिखाई देता है तो तुरंत उसे अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में रोग की पहचान व निदान के लिए भेजें। यदि कुष्ठ रोग की पहचान व जांच शुरूआत में ही करा ली जाए एवं पूरा उपचार लिया जाए तो कुष्ठ रोग पूर्ण रूप से ठीक हो जाता है। उपचार की अवधि 6 माह अथवा 12 माह की हो सकती है। इस मौके पर उपस्थित पदाधिकारी एवं स्वास्थ्य कर्मियों ने कुष्ठ रोगियों की सेवा एवं उनके प्रति छुआछूत एवं भेदभाव को समाप्त करने के लिए शपथ लिया।
