शहर की मूल समस्या है ट्रैफिक व्यवस्था। आलम यह रहता है कि भीड़भाड़ वाले चांदनी चौक से आधा किलोमीटर दूर दल्लु चौक पर बाइक से पहुंचने में घण्टों समय लग जाता है। मूलभूत इस समस्या का निराकरण के लिए न तो अधिकारी कभी गंभीर हुए और न ही कभी शेखपुरा से चुने गए विधायकों ने कोशिश किया।
हालांकि शहर की ट्रैफिक व्यवस्था से आम और खास दोनो वर्ग के लोग त्रस्त है। ट्रैफिक जाम से निपटने के लिए शहर के लोगों ने अधिकारियों का ध्यान कई बार आकृष्ट कराया पर शहर के लोगो को आश्वसन की घुंटी के सिवा कुछ नही मिल सका। जिसके कारण प्रतिदिन शहर के चांदनी चौक, कटरा चौक, सब्जी मंडी, दल्लु चौक, बुधौली बाज़ार में रुक-रुक कर जाम लगते रहती है और लोग कराहते रहते है, जिसको सुनने वाला कोई नहीं है। जाम की समस्या दूर कराने में ना तो प्रशासन के कोई अधिकारियों द्वारा कार्रवाई की जाती है और ना हीं जनप्रतिनिधियों द्वारा इस मामले में पहल की गई।
जिससे शहरवासी समेत क्षेत्र के आस-पास के लोगों को बाजार करने आने पर काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसको लेकर लोगों में आक्रोश भी रहता है। शहर के कटरा चौक एवं बुधौली बाजार में आए दिन जाम की समस्या बरकरार रहता है लेकिन प्रशासन द्वारा ट्रैफिक पुलिस की व्यवस्था भी नही किया गया है।
लिहाजा शहर जाम होने पर स्थानीय थाने की पुलिस ही सख्ती दिखाती है तो जाम की समस्या से शहर के लोग निपटते है। ट्रैफिक जाम की वजह है शहर में जगह-जगह पर ठेले ठुमके, सड़कों पर बेवजह जहा तहां वाहनों को खड़ा कर देना, सड़क किनारे सब्जी मंडी, कमर्शियल बैंकों द्वारा पार्किंग की व्यवस्था नहीं होना आदि है।
इस बार चुनाव में ट्रैफिक जाम नहीं बन पाया मुद्दा
शहर के लोगो ने ट्रैफिक व्यवस्था को चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश किए लेकिन इस बार के संपन हो रहे चुनाव में भी ट्रैफिक जाम मुद्दा नही बन सका। विदित हो कि कुछ साल पहले जाम से निपटने के लिए कटरा चौक से तरछा तक सड़क के बीचों-बीच मुख्य मार्ग पर रस्सी के सहारे अस्थायी बैरिकेटिंग बनाया गया था, लेकिन सड़कों के दोनों किनारे फुटपाथी दुकानदारों के कब्ज़ा में रहने के कारण पूर्व से भी ज्यादा जाम की समस्या खड़ी हो गई। जिसे बाद उसे हटा लिया गया।source : bhaskar
