बरबीघा…श्वेत क्रांति के जनक डा वर्गीज कुरियन की जयंती मनाई गयी। राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के अवसर पर वृहस्पतिवार को यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। मुख्य कार्यक्रम बरबीघा स्थित दुग्ध शीतलक संग्रह केंद्र पर आयोजित की गयी। इस अवसर पर दुधारू पशु और दूध उत्पादकता बढ़ाने के उपाय विषय पर परिचर्चा की गयी। दुग्ध संग्रह के क्षेत्र में सहकारिता की भूमिका में डा वर्गीज के योगदान पर भी विस्तार से चर्चा की गयी। परिचर्चा में सुधा डेयरी पटना के प्रभारी संग्रहक विमल कुमार झा, बरबीघा दुग्ध शीतलक के प्रभारी अमित कुमार, चन्द्रशेखर राय के साथ दुग्ध उत्पादक सहयोग समिति के सदस्य उपस्थित थे।
गौरतलब है कि डा वर्गीज कुरियन के कार्यो को सम्मान देने के लिए देश में उनकी जयंती 26 नवम्बर को राष्ट्रिय दुग्ध दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पशुधन और दूध के उत्पादन को बढ़ाने के उपाय पर गहन विचार विमर्श कर उसे मूर्त रूप देने का प्रयास किया जाता है। डा कुरियन ने गुजरात से दूध सहकारी समिति की स्थापना कर दूध के उत्पादन से पशुपालको को आर्थिक लाभ की योजना शुरू की थी। दूध और दूध से निर्मित वस्तुओ का एक बड़ा विशाल बाज़ार भी बनाने में सफलता पाई थी। दुग्ध उत्पादकों ने उन्हें श्रद्धा से नमन किया। उनके चित्र पर माल्यार्पण किया गया।
