अभी इस वर्ष आस्था का महापर्व छठ वैश्विक महामारी कोविड-19 की पृष्ठभूमि में दिनांक 18 से 21 नवंबर 2020 के मध्य मनाया जा रहा है। छठ पूजा में लोग अस्तगामी एवं उदीयमान सूर्य को अर्घ समर्पित करते हैं। इस अवसर पर कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर निर्देशों का पालन करना अति आवश्यक है।
जिला प्रशासन शेखपुरा गृह विभाग के द्वारा निर्गत आदेश का अनुपालन जिला में भी कराया जाएगा। राज्य सरकार ने कंटेनमेंट जोन के बाहर छठ पूजा 2020 के आयोजन के संबंध में दिशानिर्देश जारी किया है। जिला प्रशासन स्थानीय छठ पूजा समितियों, नागरिकों वार्ड पार्षदों, त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों से समन्वय स्थापित करने के लिए बैठक आयोजित कर के संक्रमण से बचाव के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर निर्देशों का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए। नदी के किनारे घाटों पर छठ पर्व के दौरान अत्यधिक भीड़ होती है जिसके दौरान दो व्यक्तियों के बीच सामाजिक दूरी का अनुपालन करना कठिन है। अतः लोगों को अधिकारिक रूप से जागरूक किया जाए कि वे अपने घरों पर छठ पूजा करें। नदियों एवं तालाब घाटों पर को covid 19 के फैलाव को रोकने के लिए छठ पर्व के दौरान सुबह शाम को दी जाने वाले अर्घ्य घर पर ही करने की सलाह दी गई है। महत्वपूर्ण नदियों से छठ पूजा के लिए जल लेकर जाना चाहे तो जिला प्रशासन द्वारा उनको विनियमित करते हुए जल ले जाने के लिए आवश्यक व्यवस्था की जाएगी। इस प्रक्रिया के दौरान भी मास्क का उपयोग एवं सोशल डिस्टेंस पालन किया जाना जरूरी है। ग्रामीण क्षेत्रों एवं शहरी क्षेत्रों में अवस्थित छोटे तालाब के दौरान मास्क के प्रयोग के मानकों का पालन करना अति आवश्यक है।
ग्रामीण क्षेत्रों एवं शहरों में ग्रामीण क्षेत्रों एवं शहरी क्षेत्रों में अवस्थित छोटे तालाब के दौरान मास्क के प्रयोग के मानकों का पालन करना अति आवश्यक है। ग्रामीण क्षेत्रों एवं शहरों में अवस्थित तालाबों जहां की अनुमति दी जाएगी वहां वहां पर सारी व्यवस्था करने का निर्देश स्थानीय अधिकारियों को दिया गया है। जिन तालाब पर अर्घ्य की अनुमति दी गई है वहां कोविड-19 से संबंधित जागरूकता फैलाने की भी करवाई किया जाना है। पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम के माध्यम से भी कोविड-19 के संबंध में जागरूकता उत्पन्न किया जाना है। छठ पूजा के आयोजकों कार्यकर्ताओं एवं उससे संबंधित अन्य व्यक्तियों को स्थानीय प्रशासन द्वारा निर्धारित शर्तों का पालन करना होगा। छठ पूजा घाट पर अक्सर स्पर्श की जाने वाली वेरी केटिंग आदि को समय-समय पर सफाई एवं कीटनाशक से संक्रमित दूर किया जाना जरूरी है ।आमजन को खतरनाक घाटों के बारे में के संचार माध्यम से सूचना दी जाए। तालाब में अर्घ्य के दौरान डुबकी नहीं लगाना है। बैरिकेडिंग इस प्रकार किया जाएगा कि इस प्रकार के लोग डुबकी नहीं लगा सकें। छठ घाटों पर बैठने या खड़े होने की व्यवस्था इस प्रकार से की जाएगी ताकि पर्याप्त सामाजिक दूरी बनी रहे। 2 गज की दूरी का अनिवार्य रूप से पालन किया जाए एवं मास्क का उपयोग हमेशा किया जाए ।छठ पूजा घाट के आसपास खाद्य पदार्थ का स्टाल नहीं लगेगा। कोई सामुदायिक भोज, प्रसाद या भोग का वितरण भी नहीं किया जाएगा, किसी प्रकार का मेला का आयोजन भी नहीं किया जाना है।
इस अवसर पर किसी प्रकार का मेला, जागरण संस्कृति कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। जिला प्रशासन एवं पुलिस द्वारा छठ पूजा के दौरान किसी स्थिति पर नियंत्रण के लिए आवश्यक संख्या में अधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी की गई है ।एनडीआरएफ की की भी प्रतिनियुक्ति की जा रही है।
