हिन्दू धर्मावलंबी महिलाओं ने व्रत रखकर सुहाग के कल्याण एवं रक्षा की कामना की। व्रत को लेकर प्रात: से ही महिलाओं का हुजूम शहर के विभिन्न बरगद पेड़ के नीचे दिखने लगा था।
वैदिक मंत्रोच्चार के बीच महिलाओं ने पंचोपचार विधि से वट वृक्ष का पूजन किया एवं वृक्ष में कच्चा सूत बांधकर परिक्रमा की। लाल-पीली साडिय़ों में सजी महिलाओं ने बताया कि वे इस पर्व को लेकर आज व्रत धारण करेंगी। उन्होंने पूजन के उपरांत सदा-सुहागिन रहने की मनौती मांगी है।

वहां उपस्थित पंडित ने बताया कि पुरातनकाल में सती सावित्री ने इस व्रत को किया था तथा सदा-सुहागन रहने की मंगलकामना की थी। व्रत के परिणामस्वरूप उनके पति की उम्र पूरी हो जाने के बाद भी यमराज ने पुन: जीवनदान दिया था।
तबसे यह व्रत पृथ्वीलोक पर प्रचलित है और सुहागिन महिलाएं इस व्रत को धारण करती रही हैं। व्रत को लेकर दिनभर सड़कों पर रंग-बिरंगे परिधानों में सजी महिलाओं की भीड़ देखी गई