बिहार का नाम लेते ही अदर स्टेट वालो का मुँह बिगड़ जाता है, पर बिहार की प्रतिभाओ ने अक्सर भारत में ही नहीं बल्कि वर्ल्ड में अपने बिहार का नाम रौशन किया, और इस बात को इंकार नहीं किय जा सकता है, की बिहार में संसाधन की कमी रहने के बावजूद बिहारी पुरे वर्ल्ड में टॉप कर रहे है, ऐसे ही अभी दो बिहारी का नाम सुर्खियों में है, आइये जानते है पूरी न्यूज़

अभी फिलहाल में बिहार के 2 बच्चे हर्ष और श्रेयस बी चंद्रा ने इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल सर्च कोलेबोरेशन (IASC) के तहत 10 क्षुद्रग्रहों की खोज की है. जो की बहुत गर्व की बात है, अब NASA ने इन क्षुद्रग्रहों का नाम इन बच्चों के नाम पर ही रखने का फैसला किया है, नासा द्वारा इस पर 2 साल रिसर्च किया जाएगा उसके बाद इन दोनों को अस्थायी प्रमाण पत्र तथा स्कॉलर आदि योजनाओ का लाभ मिल सकता है, तथा नासा द्वारा इन्हे सम्मानित किया जायेगा
नासा की एक कैम्पेन है जो IASC नाम की है, वह सिटीजन साइंस प्रोग्राम के तहत ही आता है, . इसमें विज्ञान के क्षेत्र में रुचि रखने वाले देश और विदेश के स्टूडेंट, टीचर, PHD होल्डर और अन्य लोग शरीक होते है, इस कार्यक्रम में अंतरिक्ष में होने वाले सारी गतिविधियों पर ध्यान दिया जाता है, जैसे ग्रहो की क्या स्थिती है, छुद्रग्रह किस दिशा में बढ़ रहे है, तथा बाकि गतिविधियों पर भी ध्यान दिया जाता है,
पटना के गायघाट के रहने वाले हर्ष क्लास 11 के स्टूडेन्ट हैं, उन्होंने ये बताया हैं, की नासा एक प्रोग्राम आयोजित करती हैं, जिसमे वैसे व्यक्ति जिनका स्पेस में इंट्रेस्ट हैं उनको शामिल किया जाता हैं, इसमें रजिस्ट्रेशन के बाद एक टेस्ट दिया जाता हैं, तथा सेलेक्ट होने के बाद उन सभी को नासा के द्वारा एक सॉफ्ट वेयर दिया जाता हैं, जिसमे उन सभी को अंतरिक्ष में चल रही हल चल के बारे में पता चलता हैं, और उनको सॉफ्टवयेर में मौजूद कुछ डाटा शीट पर काम करना होता हैं, और इस बिच यदि अंतरिक्ष में कुछ हरकत दिखाई देती हैं, तोह एप के जरिये यह जानकारी नासा को पहुचानी होती हैं, श्रेयस बिहार के औरंगबाद जिले के रहने वाले हैं, फिलहाल वो इंजिनियरिंग कर रहे हैं, उन्होंने बताया कीनासा के इस कैंपेन में उन्होंने जुलाई में में नामांकन करवाया था और 15 दिन के अंदर उनका सेलक्शन हुआ