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Bharat Band Today : किसान आंदोलन के बीच आज भारत बंद, स्कूल, बैंक और दुकानों से लेकर…

किसान और सरकार के बीच तीसरे दौर की बैठक बेनतीजा रही। बीती रात 1:30 बजे तक चली इस बैठक में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय शामिल रहे। बैठक में सकरात्मक चर्चा तो हुई लेकिन कोई हल नहीं निकल सका।

16 फरवरी यानी आज संयुक्त किसान मोर्चा ने सभी किसान संगठनों से एकजुट होकर भारत बंद का घोषणा किया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने सभी किसान संगठनों से भारत बंद में शामिल होने की भी अपील की है। यह बंद आज सुबह 6:00 बजे से शुरू हो गए और शाम 4:00 बजे तक जारी रहेगा।

किसान शुक्रवार को दोपहर 12:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक देश के मुख्य सड़कों पर चक्का जाम करेंगे। वहीं, भारत बंद का ऐलान केंद्र सरकार द्वारा अपनी मांगों को पूरा करवाने के लिए किया गया है। भारत बंद का ऐलान तब किया गया है जब पंजाब से मार्च कर रहे सैकड़ो किसानों को अंबाला के पास हरियाणा की सीमा पर रोक दिया गया है। इसे ग्रामीण भारत बंद का नाम भी दिया गया है।

राष्ट्रव्यापी भारत बंद के दौरान आज कई सरकारी ऑफिस और प्राइवेट ऑफिस बंद रह सकते हैं। इसके अलावा आज परिवहन, कृषि गतिविधियों, महात्मा गांधी, राष्ट्रीय रोजगार, गारंटी अधिनियम ग्रामीण कार्य, गांव की दुकान, निजी कार्यालय, ग्रामीण औद्योगिक और सेवा क्षेत्र के संस्थान बंद रहने की संभावना है।

किसानों द्वारा राष्ट्रवादी भारत बंद के दौरान कई ऐसी भी सेवाएं है जिनका इसका असर देखने को नहीं मिलेगा। भारत बंद के दौरान इमरजेंसी सेवाएं, एंबुलेंस, अखबार वितरण, विभाग मेडिकल स्टोर्स, बोर्ड परीक्षा के लिए जाने वाले छात्राएं, स्कूल और हवाई अड्डे अधिक प्रभावित नहीं होंगे। बैंक कल खुले रहेंगे। और सामान्य रूप से काम करेंगे। भारतीय रिजर्व बैंक के अवकाश मैट्रिक्स में यह भी कहा गया कि बैंक खुले रहेंगे। फरवरी महीने में भारत में बैंक 10 दिन बंद रहेंगे। इन छुट्टियों में दूसरे और चौथे शनिवार के अलावा रविवार भी शामिल है।

किसान अपनी उपज के लिए एमएसपी की गारंटी देने वाले कानून की मांग को लेकर पंजाब और हरियाणा के सड़कों पर उतरे हुए हैं। वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा है। जिसमें कहा गया है की फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य, खरीद के कानूनी गारंटी, कर्ज माफी, बिजली में कोई बढ़ोतरी नहीं करने की मांग की गई है।

इसके अलावा किसानों ने घरेलू उपयोग और दुकान, खेती के लिए 300 यूनिट मुक्त बिजली की भी मांग की है। व्यापक फसल बीमा और पेंशन में₹10000 प्रति माह की बढ़ोतरी की भी मांग की है। वहीं दूसरी तरफ किसानों का यह भी कहना है कि सरकार द्वारा हमसे जो वादे किए गए थे वह उन्हें वह पूरा नहीं कर रही है। इसलिए मजबूर होकर हमें यह आंदोलन करना पड़ रहा है।

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