Arun Govil on Ramayana Study : रामायण को हमारे पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए क्योंकि ”रामायण हमारा जीवन दर्शन है.” – अरुण गोविल
रामानंद सागर की रामायण में राम का रोल करने वाले अरुण गोविल अक्सर ही रामायण को लेकर बात करते हैं। स्कूलों में रामायण पढ़ाई जाए या नहीं इस पर भी उन्होंने बात कही है। हाल ही में एक बहस छिड़ी थी जिसमें उन्होंने अपनी राय रखी। उन्होंने रामायण को शिक्षा से जोड़ने की बात का समर्थन किया और इसके फायदे भी बताएं।एक्टर ने क्या कहा चलिए आपको बताते हैं…
#WATCH | Varanasi, UP: Actor Arun Govil who played the role of Lord Ram in the Ramanand Sagar's Ramayan, says, "Ramayana must be included in our curriculum because there is no justification in calling Ramayana religious. Ramayana is our philosophy of life. Ramayana tells us how… pic.twitter.com/drugPoklPf
— ANI (@ANI) February 6, 2024
रामानंद सागर की रामायण में भगवान राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल इस रोल को निभाने के बाद घर-घर प्रसिद्ध हो गए थे और इन्होंने इस रोल से एक अलग पहचान बना ली थी।अरुण गोविल आज भी सालों बाद लोगों के दिलों पर राज करते हैं। लोग उनमें आज भी भगवान राम को देखते हैं।
आज भी लोग उन्हें बेहद पसंद करते हैं। अयोध्या में हाल ही में हुई भव्य प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में भी अरुण गोविल शामिल हुए थे और उन्होंने इसके बाद धार्मिक ग्रंथ को स्कूलों के पाठ्यक्रम यानी सिलेबस में शामिल करने को लेकर भी बात कही।
अरुण गोविल अक्सर ही रामायण पर बात करते हुए दिखाई देते हैं।स्कूलों में रामायण को पढ़ाई में शामिल करने को लेकर भी उन्होंने अपनी राय व्यक्त की है।उन्होंने बताया है कि स्कूलों में रामायण पढ़ाई जाए या नहीं हाल ही में एक बहस छिड़ गई थी जिसको लेकर उन्होंने अपने विचार व्यक्त किए हैं।उन्होंने रामायण को शिक्षा से जोड़ने की बात का समर्थन किया।
एनआई द्वारा एक वीडियो एक्स पर शेयर किया गया है, जहां उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा, ‘रामायण को हमारे पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए क्योंकि रामायण को धार्मिक कहने का कोई औचित्य नहीं है. रामायण हमारा जीवन दर्शन है. ‘
एक्टर ने आगे यह भी कहा कि रामायण हमें बताती है कि सभी को कैसे अपना जीवन जीना चाहिए रिश्ते कैसे होने चाहिए कितना धैर्य रखना चाहिए और व्यक्ति को शांति कैसे मिल सकती है? यह सब के लिए है यह सिर्फ सनातनियों के लिए नहीं है। रामायण सभी के लिए है और इसलिए इसे हमारे पाठ्यक्रम में जरूर शामिल करना चाहिए …’
आपको बता दें कि स्कूलों के लिए सोशल साइंस के सिलेबस को संशोधित करने के लिए गठित की गई NCERT की सोशल साइंस कमेटी ने किताबों में इंडियन नॉलेज सिस्टम, वेदों और आयुर्वेद को शामिल करने सहित कई प्रस्ताव दिए हैं.