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आस्था के नाम पर ठगी, जाल में फंसे दर्जनों राम भक्त, जाने कैसे हो रहे लोग शिकार….

अयोध्या के राम मंदिर में रामलला के हुए भव्य प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। बड़ी संख्या में लोग अयोध्या आ रहे हैं तो उनको ठहरने के लिए होटल या धर्मशाला की भी आवश्यकता होती है। यही से ठगों का खेल शुरू होता है।

अयोध्या में ऐसे मामले इन दिनों लोग ऑनलाइन बुक करके होटल या धर्मशाला पहुंच रहे हैं। मगर यहां आने के बाद उन्हें पता चल रहा है कि उनके नाम पर तो कोई कमरा बुक हुआ ही नहीं है। वह तो उन ठगो का शिकार हो गए है, जो अलग-अलग होटल और धर्मशाला के नाम से फर्जी वेबसाइट बनाकर अयोध्या आने वाले भक्तों को कमरा बुक करने के नाम पर ठग रहे हैं।

किसी ने अयोध्या आने से पहले रुकने के लिए होटल में ऑनलाइन कमरा बुक किया। लेकिन यहां आने के बाद पता चला इस नाम का कोई होटल है ही नहीं। वही कोई अयोध्या आने के बाद जब ठहरने के लिए होटल या धर्मशाला पहुंचे रहे हैं तो पता चलता है कि उसके नाम से तो कमरा बुक ही नहीं है।

अयोध्या में इस तरह की घटनाएं इन दिनों आम हो गई है। श्री राम जन्मभूमि पथ के ठीक सामने ही बिरला धर्मशाला है। वहां अब तक इस तरह के लगभग 30 घटनाएं हो चुकी है। हम जब वहां पहुंचे, तो 1 घंटे के दौरान ही लगभग चार ऐसे लोग मिले जिन्होंने बिडला धर्मशाला की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन कमरा बुक करवाया था। इसमें से तीन लोगों ने तो भुगतान भी कर दिया था।

मगर अयोध्या आने के बाद जब ठहरने के लिए पहुंचे तो बिडला धर्मशाला के मैनेजर ने कहा कि उनकी ना तो कोई वेबसाइट है और न हीं ऑनलाइन रूम बुक होता है। उन लोगों ने बिड़ला धर्मशाला के नाम से बनी वेबसाइट दिखाई।

वेबसाइट पर दिए नंबर से चैट दिखाई और ऑनलाइन भुगतान का सबूत भी दिखाया। मगर सब बेकार। तब उन्हें पता चला कि वह तो साइबर ठग के शिकार हो गए हैं। वहीं बिडला धर्मशाला के मैनेजर की बात तो और भी चौंकाने वाली है।

मैनेजर के अनुसार, प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद से अब तक अकेले उनके यहां 25 से ज्यादा इस तरह के मामले आ चुके हैं। उसने इसकी शिकायत चौकी से लेकर कोतवाली तक की, लेकिन ना तो कोई कार्यवाही हुई और ना ही कोई जांच पड़ताल हुई। वेबसाइट वैसे ही चल रही है और लोगों का ठगा जाना लगातार जारी है।

खेल कुछ इस तरह होता है कि कुछ ऐसे होटल हैं जिनका अयोध्या में कोई वजूद ही नहीं है। वहीं, कुछ ऐसे होटल है जो ऑनलाइन बुकिंग ही नहीं करते हैं। उनके नाम से वेबसाइट बनाई जाती है। वेबसाइट में कांटेक्ट नंबर दिया रहता है। लोग जब उस पर फोन करते हैं, तो उन्हें कमरे की कीमत ज्यादा बताई जाती है। फिर कहा जाता है कि इस समय स्कीम चल रही है, लिहाजा पैसे कम हो जाएगा।

अयोध्या में बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं, तो होटल और धर्मशाला में कमरे की उपलब्धता कम होती है। ऐसे में बाहर से आने वाले लोग ऑनलाइन कमरा बुक करना ज्यादा उचित समझते हैं। इन्हीं लोगों की ताक में साइबर ठग रहते हैं, जो किसी न किसी तरीके से इनको अपना शिकार बनाते हैं।

यहां तक की बुकिंग के बाद साइबर ठग जीस होटल या धर्मशाला का नंबर देते हैं, वह उस पर डायल करने पर भी इस धर्मशाला यि होटल का नाम आता है। जिसमें बुकिंग करने के नाम से पैसा वसूला गया होता है। यह नंबर उस समय बंद रहता है जब ठग के जाल में फंसा व्यक्ति अयोध्या पहुंचता है। और रूम ना मिलने पर फोन करता है। कभी-कभी अगर फोन रिसीव हो भी जाता है तो बात करने के बजाय टाल दिया जाता है।

एक रिपोर्ट के अनुसार, आईजी प्रवीण कुमार से बात करने पर तो पुलिस हरकत में आई। क्षेत्राधिकार अयोध्या आशुतोष मिश्रा ने माना कि इस तरह की वारदातें उनके संज्ञान में है। उन्होंने साइबर सेल लखनऊ को इस बारे में जानकारी भेज दी है। जल्द ही इस पर मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा। हालांकि सूत्रों की माने तो आईजी प्रवीण कुमार ने अयोध्या पुलिस को तत्काल सारी वारदातों पर मुकदमा दर्ज करने के आदेश दे दिए हैं।

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