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रामलला के खास डिजाइन वाला परिधान प्लेन से आता है, हर दिन के ड्रेस में बदल जाती है फैब्रिक डिजाइन

राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा से खास डिजाइनर परिधान श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की तरफ से बनवाई जा रही हैं। इसके लिए ड्रेस डिजाइनर मनीष त्रिपाठी को अनुबंधित कर लिया गया है ।डिजाइनर मनीष त्रिपाठी ने प्राण प्रतिष्ठा के समय अपनी पूरी टीम के साथ यहां रहकर मुख्य पर्व के साथ अगले 7 दिनों के लिए रामलला का परिधान तैयार किया था।

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यह परिधान बनारसी सिल्क के साथ सोने व चांदी की जड़ी से बनाया गया था। यह परिधान काफी भारी है। इसलिए सामान्य दिनों के लिए थोड़ा हल्की ड्रेस बनाई जा रही हैं। यह ड्रेस प्रतिदिन दिल्ली से अयोध्या भेजा जाता है। इस पर ड्रेस को दिल्ली से राम मंदिर तक लाने में सीआईएसएफ की बड़ी भूमिका है। उन्हीं की मदद से प्लेन से यह ड्रेस भेजा जा रहा है।

रामलला के ड्रेस लेकर अयोध्या पहुंचे डिजाइनर मनीष त्रिपाठी ने मीडिया को बताया कि रामलला के ड्रेस की जिम्मेदारी मिलना हमारे लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि वह चक्रवर्ती नरेश के पुत्र हैं, तो उनके ड्रेस में विशिष्टता होनी चाहिए। इसके अलावा देश-विदेश के करोड़ों श्रद्धालुओं की भावनाएं भी उनसे जुड़े हुई है।

इन सभी बातों का ध्यान रख कर दो बुनाई से लेकर कढ़ाई तक पर विचार करना सबसे कठिन है। फिर भी राम लला की प्रार्थना कर उनके द्वारा सौंपे गए जिम्मेदारी को निर्वाह करने की कोशिश कर रहा हूं। वह कहते हैं कि राम लला के लिए हर दिन के अनुसार अलग-अलग रंग के परिधान बनाए जा रहे हैं और हर दिन के परिधान की फैब्रिक व डिजाइन भी अलग-अलग रखा जा रहा है।

डिजाइनर मनीष त्रिपाठी का मानना है कि रामलला से बड़ा आइडल दुनिया के लिए दूसरा नहीं हो सकता है इसलिए उनके माध्यम से भारतीय वस्त्र उद्योग को विश्व पटल पर पहुंचाने पर भी विचार चल रहा है। उन्होंने कहा कि एक महीने के अंदर भगवान के लिए बने ड्रेस में बनारसी सिल्क का प्रयोग हुआ है।

इस समय चंदेरी पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि रामलला के सभी परिधान हथकरघा उद्योग के जरिए ही तैयार किया जा रहा है। इस काम में कारीगरों की पूरी टीम है जो की 2 से 3 दिनों में पोशाक का निर्माण करती है। इस परिधान के लिए प्रेस मशीन से लेकर सब कुछ अलग है। उनका कहना है कि रामलला के परिधानों के निर्माण से भारतीय टेक्सटाइल को भी खास लाभ होगा और दुनिया को भारत के विभिन्न प्रांतो के टेक्सटाइल के वस्त्रों से भी लोग परिचित होंगे। इससे उनकी मांग भी बाजार में बढ़ेगी।

राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के पहले से ही डिजाइनर मनीष त्रिपाठी विराजमान रामलला के लिए ड्रेस तैयार कर रहे थे। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र में जब रामलला के पांच साल की आयु के बालक के विग्रह के निर्माण का निर्णय लेकर मूर्तिकारों को जिम्मेदारी दी तो फिर मनीष त्रिपाठी यही अयोध्या आ गए क्योंकि उन्हें रामलला के ड्रेस के लिए उनकी सटीक नाप लेनी थी। उन्होंने मूर्तिकारों के द्वारा विग्रह निर्माण के बाद पहले तीनों विग्रह की अलग-अलग नाप ली और फिर विग्रह चयन की प्रतीक्षा की। रामलाल का विग्रह के चयन के बाद दोबारा चयनित विग्रह की माप ली गई। उसके बाद ड्रेस तैयार किए गए।

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