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Anant Ambani’s Vantara : क्या है अनंत अंबानी का ‘वनतारा’ जिस पर फिदा हुए सब…..

भारत और विदेश दोनों में घायल और खतरे में पड़े जानवरों के बचाव, उपचार, देखभाल और पूनवॉस पर ध्यान केंद्रित करने की एक व्यापक पहल है। वनतारा, भारत में अपनी तरह का पहला इनीशिएटिव है, जहां जानवरों की पूरी देखभाल की सुविधा है। वन तारा केंद्र जामनगर रिफायनरी कॉप्लेक्स के ग्रीन बेल्ट के अंदर 3,000 एकड़ में फैला है।

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वनतारा शब्द वन और तारा शब्दों का मेल है। यानी कि जंगल का तारा। इसके तहत रिलायंस ग्रुप का फाउंडेशन एक बड़ी पहल शुरू की है। दरअसल भारतीय संस्कृति में प्रकृति को मां का जगह दिया गया है। इस प्रकृति में निवास करने वाले सभी जीवो को कुटुंब माना गया है। इन्हीं कुटुंबों के लिए प्रोजेक्ट वन तारा की शुरुआत की गई है।

वनतारा प्रोजेक्ट रिलायंस के जामनगर रिफायनरी कंपलेक्स में शुरू किया गया है। वहां करीब 3,000 एकड़ में फैला ग्रीन बेल्ट है। इसी ग्रीन बेल्ट में दुनिया भर के जानवरों और वन्यजीवों के संरक्षण का काम वन तारा प्रोजेक्ट के जरिए हो रहा है। वहां देश-विदेश के घायल, शोषण और लुप्त होने के कगार पर पहुंच गए बेजुबानों का रेस्क्यू कर इलाज किया जाता है। इलाज पूरा हो जाने के बाद उनका पुनर्वास भी किया जाता है।

बॉलीवुड एक्ट्रेस करीना कपूर खान ने भी वनतारा प्रोजेक्ट की प्रशंसा की है। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर हाथी की तस्वीरें साझा कर एक नोट लिखा है। करीना कपूर खान ने अपने पोस्ट में लिखा, ‘वनतारा ने पशु कल्याण के लिए कदम उठाकर 200से ज्यादा हाथियों और हजारों अन्य जानवरों, सरीसृपों और पक्षियों को बचाया है।’ इसके साथ ही उन्होंने इस कदम के लिए अनंत अंबानी और टीम की ऐसी अद्भुत पल के लिए उनकी तारीफ की है। यानी कि उनका भी इस प्रोजेक्ट को पूरा सहयोग है।

वनतारा की संकल्पना पर रिलायंस फाउंडेशन के डायरेक्टर अनंत अंबानी कहते हैं कि यह प्रोजेक्ट उनका जुनून है। उन्हें बचपन से ही बेजुबान जानवरों की सहायता करना पसंद था। यही मन का काम आज मिशन बन गया है। इसमें जुटे हैं रिलायंस फाउंडेशन के कुछ प्रतिबद्ध लोग। यह टीम इस समय गंभीर रूप से घायल और लुप्तप्राय जीवों की मदद कर रही है।

अनंत अंबानी का कहना है कि जख्मी जानवर चाहे देश में हो या विदेश में, उनका तत्काल संरक्षण इस कार्यक्रम का उद्देश्य है। यही नहीं, दिक्कत में फंसे प्राणी को तत्काल खतरे से निकालकर उसके प्राकृतिक आवास को बहाल करना भी इसमें शामिल है। यह बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि उनके इस प्रयास को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है।

अनंत अंबानी कहते हैं कि इस कार्यक्रम के तहत अभी तक 200 से भी ज्यादा जख्मी हाथियों को बचाया जा चुका है। देश के किसी भी भाग में घायल हाथी पड़ा हो उसे जामनगर के बाद तारा प्रोजेक्ट में लाने का प्रयास किया जा रहा है। यहां घायल हाथियों की सेवा की जाती है। उसका समुचित इलाज किया जाता है। एक तरह से कहिए कि यह कोई प्राणी उद्यान नहीं बल्कि बेजुबान जानवरों का सेवालय है। तभी तो 600 एकड़ क्षेत्र को तो सिर्फ हाथियों के लिए विकसित किया गया है, उनके प्राकृतिक आवास के तौर पर।

अनंत अंबानी कहते हैं कि बेजुबान जानवरों को अत्यधिक देखभाल की सुविधा मिले, इससे बढ़िया और क्या होगा। इसके लिए वन तारा में बेहतरीन अस्पताल बनाया गया। घायल जानवरों के लिए अलग से प्राकृतिक आवास बनाया गया है। ताकि उन्हें कोई अन्य जानवर डिस्टर्ब ना करें। अनंत अंबानी का मानना है कि उनकी मां नीता अंबानी उनके लिए एक स्थाई प्रेरणा रही है। पशु कल्याण के प्रति उनकी आजीवन प्रतिबद्धता ने सभी जीवित प्राणियों के प्रति उनकी करुणा को गहराई से प्रभावित किया है।

अनंत अंबानी कहते हैं कि घायल बेजुबानों को बचाने में दुनिया भर के शीर्ष प्राणी शास्त्रियों और डॉक्टरों की सहायता मिल रही है। वह सब वन तारा मिशन में बढ़ चढ़कर सहयोग कर रहे हैं। यही नहीं इस कार्यक्रम को सरकारी एजेंसी हो या संगठन रिसर्च इंस्टीट्यूट शैक्षणिक संस्थाओं और संस्थाओं का भी सक्रिय सहयोग मिल रहा है।

अनंत अंबानी का कहना है कि वन्यजीवों के प्रति जागरूकता और सहानुभूति के साथ ही वह भारत में वन्यजीवों पशु चिकित्सकों के लिए एक विश्वविद्यालय स्थापित करने की योजना बना रहे हैं। अनंत अंबानी ने कहा, ‘हम देख रहे हैं की बहुत से लोग हमारे पास आ रहे हैं जो युवा पशु चिकित्सा और हम पहले से ही उन्हें प्रशिक्षित कर रहे हैं। अगले तीन से चार सालों में हमारे पास वन्य जीव पशु चिकित्सा के लिए पूर्ण विश्वविद्यालय होगा।’

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