Supreme Court Rebukes Patanjali Ayurved : जज साहब को आया गुस्सा, कहां हमारे आदेश के बाद भी आपने… अब हम सख्त ऑर्डर देने जा रहे हैं
एलोपैथी दवाओं और टीकाकरण के खिलाफ अखबार में दिए गए विज्ञापन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद के प्रति खास नाराजगी जताई। सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए काफी सख्त लहजे में कहा कि कोर्ट के आदेश के बाद भी यह विज्ञापन लाने की हिम्मत दिखाई गई है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट सख्त आदेश देने जा रहा है।
बार एंड बेंच के अनुसार, जस्टिस अहसानुद्दीन ने कहा, “हमारे आदेश के बाद भी आपने यह विज्ञापन लाने की हिम्मत की है। आप कोर्ट को लुभा रहे हैं क्या।” जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह ने आगे कहा, “मैं प्रिंट आउट और अनुलग्नक लेकर आया हूं। हम आज बहुत सख्त आदेश देने जा रहे हैं। इस विज्ञापन को देखिए। आप कैसे कह सकते हैं कि आप सब ठीक कर देंगे। हमारी चेतावनी के बावजूद आप विज्ञापन जारी कर कह रहे हैं कि हमारी चीज रसायन आधारित दवाओं से बेहतर है।”
पतंजलि आयुर्वेद के भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशंस ने याचिका दायर की थी। याचिका में साक्ष्य आधारित दवा को बदनाम करने के लिए बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ कार्यवाही की मांग की गई है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने पतंजलि से ऐसे विज्ञापनों को नहीं चलाने का आदेश दिया था। कोर्ट ने चेतावनी दी थी कि ऐसा करने पर एक करोड रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है।
इल्जाम है कि बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद में साक्ष्य आधारित आधुनिक चिकित्सा प्रणाली के खिलाफ अखबारों में भ्रामक विज्ञापन छपवाया था और अपनी दवा से मरीजों के ठीक होने का दावा किया था। पिछले साल भी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की याचिका पर कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए एलोपैथी जैसी आधुनिक चिकित्सा प्रणालियों के खिलाफ बयान देने के लिए बाबा रामदेव को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने तब कहा था कि वह इसे एलोपैथी बनाम आयुर्वेद की लड़ाई नहीं बनने दे सकते।