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PM Modi in Dubai : जलवायु परिवर्तन, हरित ऊर्जा और भारत- UAE संबंध… दुबई में दिए गए इंटरव्यू में PM मोदी ने क्या-क्या कहा

पीएम नरेंद्र मोदी विश्व जलवायु कार्यवाही शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए गुरुवार को दुबई पहुंचे। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुबई के एक अखबार को दिए गए इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और UAE हरित और समृद्ध भविष्य को आकार देने के लिए एक साथ खड़े हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जैसे-जैसे जलवायु परिवर्तन को लेकर हम काम कर रहे हैं।

इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा कि जलवायु परिवर्तन समस्या के निर्माण में विकासशील देशों ने योगदान नहीं किया है, पर उन्हें इसके समाधान में योगदान करने के इच्छुक हैं लेकिन इन देशों को योगदान देने के लिए आवश्यक वीत्तपोषण और प्रौद्योगिकी की बड़ी आवश्यकता है, जो उनके पहुंच से बाहर है इसलिए इस समस्या का समाधान तभी संभव है जब इन देशों को योगदान करने के लिए आवश्यक संसाधन मिलेंगे।

पीएम नरेंद्र मोदी ने संयुक्त अरब अमीरात की अपनी छठी यात्रा के दौरान कहा, भारत और यूएई एक हरित और अधिक समृद्ध भविष्य को आकार देने में भागीदार के रूप में खड़े हैं, और हम जलवायु कार्यवाही पर
वैश्विक चर्चा को प्रभावित करने के अपने संयुक्त प्रयासों में दृढ़ है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, स्थिरता और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने की दृष्टिकोण को साझा करने वाले देशों के रूप में, भारत और संयुक्त अरब अमीरात वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा प्रयासों में अग्रणी के रूप में उभरे हैं। उन्होंने नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के भीतर जलवायु कार्यवाही के लिए यूएई के अटूट प्रतिबद्धता की सराहना की है।

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया कि ‘पिछले 9 वर्ष में पेरिस समझौते के बाद भारत ने जो प्रतिबद्धता जताई उसमें पहला है कार्बन उत्सर्जन की तीव्रता में कमी। दूसरा है नए एनर्जी सोर्स पर भारत की निर्भरता। में गर्व से कह रहा हूं की पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम जी-20 में भी पहले देश में से हैं, जिसे 9 वर्ष पहले ही अपना लक्ष्य हासिल कर लिया। यह भारत के प्रतिबद्धता और सक्षम नेतृत्व का ही नतीजा है।’

जलवायु संकट में कम योगदान देने के बावजूद इसका खामियाजा भुगतने वाले विकासशील और गरीब देश को मुआवजा देने के उद्देश्य से हानि और झती कोष के संचालक को लेकर हुए समझौते का भारत ने बृहस्पतिवार को सकारात्मक संकेत के तौर पर स्वागत किया। इस कोष को लेकर हुए समझौते पर मिली जुली प्रतिक्रिया आई, खासकर ‘ग्लोबल साउथ’ से।

संयुक्त राष्ट्र जलवायु वार्ता सीओपी28 एक सकारात्मक संकेत के साथ शुरू हुई, जिसमें विभिन्न देशों ने हानी और क्षति कोष के संचालक पर शुरुआती समझौता किया। सीओपी के अध्यक्ष डॉ. सुल्तान अल जाबेर ने कहा कि विज्ञान स्पष्ट है और ‘अब हम सब सभी के लिए समय आ गया है कि जलवायु कार्यवाही के लिए पर्याप्त रूप से वृहद मार्ग तलाशा जाए।’

निर्णय की घोषणा के तुरंत बाद पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। ‘संयुक्त अरब अमीरात में पहले दिन ही सीओपी28 के रफ्तार पकड़ने का सकारात्मक संकेत हानी और क्षति कोष के संचालक पर ऐतिहासिक निर्णय सीओपी 28 के उद्घाटन सत्र में अपनाया गया। भारत हानी और क्षति कोष को शुरू करने के फैसले का पुरजोर समर्थन करता है।

ग्लोबल साउथ लंबे समय से बाढ़, सुखे और गर्मी सहित आपदाओं से निपटने के लिए पर्याप्त धन की कमी की तरफ इशारा कर रहे हैं और अमीर देश को इससे उबरने के लिए पर्याप्त धन नहीं देने का दोषी ठहरा रहे हैं।

ग्लोबल साउथ से तात्पर्य उन देश से हैं जिन्हें अक्सर विकासशील, कम विकसित अथवा अविविकसित रूप से जाना जाता है।

इससे पहले,बृहस्पतिवार को संयुक्त राष्ट्र के मौसम एजेंसी विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने कहा कि 2023 सबसे गर्म वर्ष होना निश्चित है और चिंताजनक प्रवृत्तियां भविष्य में बाढ़ ,जंगल की आग, हिमनद पिघलने और भीषण गर्मी में वृद्धि का संकेत देती है।

मौसम विज्ञान संगठन ने यह भी चेतावनी दी है कि साल 2023 का औसतन तापमान पूर्व औद्योगिक कल से लगभग 1.4 डिग्री सेल्सियस ऊपर है।

पिछले साल मिश्र के शर्म अल शेख में आयोजित सीओपी 27 में अमीर देशों ने हानी और झती कोष स्थापित करने पर सहमति व्यक्त की थी। हालांकि धन आवंटन, लाभार्थियों और प्रशासन पर फैसला लटकाए रखे गए थे।

विकासशील देश कोष रखने के लिए एक नई और स्वतंत्र इकाई चाहते थे, लेकिन अगले 4 साल के लिए अस्थाई रूप से ही सही और अनिच्छा से विश्व बैंक को स्वीकार किया था।

इस कोष को चालू करने के लिए निर्णय के तुरंत बाद संयुक्त अरब अमीरात और जर्मनी ने घोषणा की कि वह इस कोष में 10-10 करोड अमेरिकी डॉलर का योगदान देंगे।

क्लाइमेट एक्शन नेटवर्क इंटरनेशनल में वैश्विक राजनीतिक रणनीति के प्रमुख हरजीत सिंह ने कहा, ‘अपनी स्थापना के 1 साल के भीतर हानी और झती कोष को चालू करने के ऐतिहासिक निर्णय के बीच अंतर्निहित चिताओं को संबोधित करना महत्वपूर्ण हो जाता है।’

भारतीय समुदाय ने उनका स्वागत किया। दुबई के ड्यूटी पीएम शेख सैफ बिन जायद अल नाहयान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एयरपोर्ट पर अगवानी की। वहां भव्य स्वागत हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दुबई आने की खुशी में लोगों ने वंदे मातरम और भारत माता की जय के नारे लगाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां 1 दिसंबर को COP-28 के विश्व जलवायु शिखर सम्मेलन (World Climate Action Summit) में शामिल होंगे।

पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट में लिखा, ‘COP -28 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दुबई पहुंचा। अब समिट की कार्यवाही का इंतजार है। इसका उद्देश्य एक बेहतर ग्रह बनाना है। यूएई जलवायु कार्यवाही के क्षेत्र में भारत का एक महत्वपूर्ण भागीदार है। भारत में हमेशा सामाजिक और आर्थिक विकास को आगे बढ़ाते हुए जलवायु कार्यवाही पर जोर दिया है। दुबई में भारतीय समुदाय के गर्मजोशी से भरे स्वागत से भावुक हूं।उनका सहयोग और उत्साह हमारे वाइब्रेट कलर और मजबूत संबंधों का गवाह है।’

इस दौरान ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के तरीकों पर चर्चा की जाएगी। समिट में संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन के 198 देश सदस्य हैं। आज 160 वैश्विक नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है। जहां कई देशों के नेताओं के अलावा बिजनेस लीडर्स, युवा वर्ग, जलवायु वैज्ञानिक और दुनिया भर के पत्रकारों के साथ हजारों लोग शामिल होंगे।

‌‌ दुबई में भारतीय समुदाय के लोगों ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भव्य स्वागत किया। वहां लोगों के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वेलकम करते हुए ‘अबकी बार, 400 पार’ के नारे लगाए गए।इसी से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें पीएम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोगों से हाथ मिलाते हुए दिखाई दे रहे हैं।

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