धार्मिकराम मंदिर

Dharma Aastha : क्या आपको पता है कि देश में कुछ मुस्लिम ऐसे भी हैं जो अपने आप को मानते हैं राम का वंशज? बता रहे हैं इस्लाम कबूल करने की यह वजह

वाल्मीकि रामायण में लिखा है कि सीता जी के धरती में समा जाने के बाद भगवान राम ने भी जल समाधि ले ली थी लेकिन क्या आपको पता है कि जल समाधि लेने के बाद उनके जुड़वा बेटे लव और कुश का क्या हुआ? वही लक्ष्मण, भारत और शत्रुघ्न के बेटों को क्या हुआ?अयोध्या में श्री राम ने लंबे समय तक राज पाट संभाला फिर उनके गुरु वशिष्ठ और ब्रह्मा जी ने उनको संसार से मुक्त होने का आदेश दिया।अश्विनी पूर्णिमा के दिन श्री राम ने सरयू के किनारे जल समाधि ले ली श्री राम ने सभी की मौजूदगी में ब्रह्म मुहूर्त में सरयू नदी की ओर प्रस्थान किया था और उनके पीछे भरत, शत्रुघ्न और उर्मिला,मांडवी और श्रुत कीर्ति ने भी जल समाधि ले ली थी। लक्ष्मण पहले ही श्री राम के आदेश पर जल समाधि ले चुके थे . इसके अलावा बाकी सभी भाइयों के बच्‍चे कहां गए?

बताया जाता है कि राम ने कुश को दक्षिण कौशल प्रदेश जो अब छत्तीसगढ़ कहलाता है सौपा था। वहीं उन्होंने लव को उत्तर कौशल साम्राज्य सौंपा. इतिहासकारों के मुताबिक, राम ने कुश को दक्षिण कोसल, कुशस्थली (अब कुशावती) और अयोध्या राज्य सौंपा. वहीं, लव को पंजाब दिया गया. लव ने मौजूदा पाकिस्‍तान के लाहौर को अपनी राजधानी बनाया था. भरत के बेटे तक्ष को आज के तक्षशिला और पुष्‍कर को पुष्करावती (आज का पेशावर) का सिंहासन सौंपा. लक्ष्‍मण के बेटे अंगद को हिमाचल में अंगदपुर और चंद्रकेतु को चंद्रावती का राजा बनाया. मथुरा में शत्रुघ्‍न के बेटे सुबाहु और शत्रुघाती को भेलसा (विदिशा) के सिंहासन पर बैठाया.

कालिदास ने रघुवंश में बताया कि कैसे राम के समय में कौशल राज्य उत्तर कौशल और दक्षिण कौशल में बांटा हुआ था।कालिदास के रघुवंश के मुताबिक राम ने अपने बेटे लव कुश शरावती और कुश को कुशावती का राज्य दिया था।

श्रीराम के बेटे लव से राघव राजपूतों का जन्म हुआ. इनमें बड़गुजर, जयास और सिकरवारों का वंश चला. दूसरी शाखा सिसोदिया राजपूत वंश की थी. इनमें बैछला या बैसला और गहलोत या गुहिल वंश के राजा हुए. कुश से कुशवाह राजपूतों का वंश आगे बढ़ा. ऐतिहासिक तथ्यों के मुताबिक, लव ने लवपुरी की स्थापना की, जो अब पाकिस्तान का लाहौर है. यहां के एक किले में लव का मंदिर भी है. लवपुरी को बाद में लौहपुरी कहा गया. दक्षिण-पूर्व एशियाई देश लाओस, थाईलैंड का नगर लोबपुरी उनके नाम पर ही बसाए गए हैं.

भगवान राम के बेटों में कुश के वंश में अतिथि, निषधन, नभ, पुण्डरीक, क्षेमन्धवा, देवानीक, अहीनक, रुरु, पारियात्र, दल, छल, उक्थ, वज्रनाभ, गण, व्युषिताश्‍व, विश्‍वसह, हिरण्यनाभ, पुष्य, ध्रुवसंधि, सुदर्शन, अग्रिवर्ण, पद्मवर्ण, शीघ्र, मरु, प्रयुश्रुत, उदावसु, नंदिवर्धन, सकेतु, देवरात, बृहदुक्थ, महावीर्य, सुधृति, धृष्‍टकेतु, हर्यव, मरु, प्रतीन्धक, कुतिरथ, देवमीढ़, विबुध, महाधृति, कीर्तिरात, महारोमा, स्वर्णरोमा, ह्रस्वरोमा, सीरध्वज का जन्म हुआ. कुश वंश के राजा सीरध्वज को एक बेटी, जिसका नाम उन्‍होंने सीता रखा.

बताया जाता है कि राम के वंशजों ने महाभारत में कौरवों का साथ दिया था।राम के वशंज ने महाभारत कौरवों का साथ दिया।सूर्यवंश में कृति नाम के राजा ने अपने बेटे का नाम जनक रखा. कुश वंश से ही कुशवाह, मौर्य, सैनी, शाक्य संप्रदाय शुरू हुए माने जाते हैं.

महारानी पद्मिनी ने एक साक्षात्‍कार में कहा भी था कि उनके पति भवानी सिंह कुश के 307वें वंशज थे. 21 अगस्त 1921 को जन्मे महाराज मानसिंह ने तीन शादियां की थीं. मानसिंह की पहली पत्‍नी मरुधर कंवर, दूसरी किशोर कंवर और तीसरी पत्‍नी गायत्री देवी थीं. महाराज मानसिंह और मरुधर कंवर से हुए बेटे का नाम भवानी सिंह था. भवानी सिंह की शादी राजकुमारी पद्मिनी से हुई. दोनों से एक बेटी दीया कुमारी हैं. उनकी शादी नरेंद्र सिंह के साथ हुई है. दीया कुमारी के बड़े बेटे पद्मनाभ सिंह और छोटे बेटे लक्ष्यराज सिंह हैं.

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