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Heeramandi Fast Look : हो गया संजय लीला भंसाली की ’हीरामंडी’ का फर्स्ट लुक आउट, क्या थी पाकिस्तान के सबसे बड़े रेड लाइट एरिया की कहानी

डायरेक्टर संजय लीला भंसाली की अपकमिंग वेब सीरीज हीरा मंडी लंबे समय से सुर्खियों में बना हुआ है। फर्स्ट लुक आउट होने के बाद फैंस शानदार वेब सीरीज का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। सीरीज के मेकर्स ने आज हीरा मंडी का फर्स्ट लुक आउट कर दिया है। जिसमें बॉलीवुड के मशहूर एक्ट्रेस शाही अंदाज में नजर आ रही है। दिग्गज फिल्म संजय लीला भंसाली अपने नए प्रोजेक्ट को लेकर चर्चा में बने हुए हैं। वह पाकिस्तान के मशहूर रेड लाइट एरिया पर एक पीरियड ड्रामा बना रहे हैं। जिसमें बॉलीवुड की करीब दर्जन भर एक्ट्रेसेज को कास्ट किया है।

सीरीज की घोषणा साल 2023 में हो गई थी। संजय लीला भंसाली अपनी आगामी नेटफ्लिक्स सीरीज ’हीरामंडी द डायमंड बाजार’ के साथ ओटीटी की दुनिया में कदम रखने के लिए तैयार है। इस बीच ‘हीरामंडी’ को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आ रहा है। हाल ही में सीरीज का फर्स्ट लुक जारी कर दिया गया है।

पहली झलक में उस बाजार की दुनिया की झलक दर्शकों के सामने पेश की गई है। जहां तवायफ भी कभी रानियां हुआ करती थी। इस वीडियो में हीरामंडी जगह को बड़ी खूबसूरती से दिखाया गया है। हीरामंडी की पहली झलक देखकर दर्शकों का उत्साह सातवें आसमान पर पहुंच गया है। फिल्म का फर्स्ट लुक वीडियो सोशल मीडिया पर छाया हुआ है।

संजय लीला भंसाली कि यह सीरीज ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर रिलीज होगी। फिलहाल सीरीज की रिलीज डेट अभी सामने नहीं आई है। नेटफ्लिक्स इंडिया ने अपने अधिकारी एक्स पर ‘हीरामंडी’ की पहली झलक शेयर करते हुए लिखा, ’एक चकाचौंध भरी दुनिया में कदम रखिए, जहां प्यार और मुक्ति का टकराव होता है। महान रचनाकार लीला भंसाली की वेब सीरीज ’हीरामंडी द डायमंड बाजार’ की पहली झलक देखें। वीडियो में मनीषा कोइराला, संजीदा शेख, अदिति राव हैदरी और सोनाक्षी सिन्हा की झलक दिख रही है। वेब सीरीज में लार्जर देन लाइफ सेट और खूबसूरत कॉस्ट्यूम और स्टोरी टेलिंग ने फैंस का ध्यान खींच लिया है। यह सीरीज प्रेम, शक्ति, प्रतिशोध और स्वतंत्रता की महाकाव्य गाथा है। यह सीरीज कला, संस्कृति, सौंदर्य और भंसाली की विरासत का गहन उत्सव होने का वादा करती है।

हीरामंडी को कभी तहजीब मेहमान नवाजी और कल्चर के लिए जाना जाता था। मुगल काल में यहां तवायफ संगीत और नृत्य के जरिए संस्कृति को पेश करती थी। उनका उर्दू और साहित्य को आगे बढ़ाने में भी अहम योगदान होता था। हीरामंडी 15वीं और 16वीं शताब्दी के दौरान लाहौर के मुगल काल के अभीजात्य वर्ग के लिए तवायफ संस्कृति का केंद्र था। कहा जाता है कि 15वीं शताब्दी में राजकुमारों और शासको को हीरामंडी भेजा जाता था। जहां उन्हें विरासत और संस्कृति की जानकारी दी जाती थी। इसी कारण इस जगह को शाही मोहल्ला भी कहा जाता था। धीरे-धीरे यह जगह मुगलों की अय्याशी का अड्डा बन गया।

यहां अफगानिस्तान और उज्बेकिस्तान से लड़कियों को लाया जाता था, और फिर उनसे नाच गान के जरिए मनोरंजन का काम करवाते थे। हालांकि, उस दौरान तवायफे सिर्फ संगीत, नृत्य, कला, तहजीब और नफासत के लिए ही जानी जाती थी। लेकिन अफगान आक्रमण के बाद यहां इस इलाके में वेश्यावृत्ति पनपने लगी और अहमद शाह अब्दाली के आक्रमण के दौरान हीरामंडी का नाम पहली बार वेश्यावृत्ति से जुड़ गया। इसके बाद ब्रिटिश शासन काल के दौरान हीरामंडी की चमक कम हो गई। अंग्रेजों ने तवायफों को प्रॉस्टिट्यूट का नाम दे दिया। भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद यह मोहल्ला बदनाम होता चला गया। वर्तमान में हालात यह है कि लाहौर में खुलेआम इस जगह का नाम लेने में भी अब लोगों को शर्म महसूस होती है। पहली बार बॉलीवुड फिल्म ‘कलंक’ में हीरामंडी का चर्चा हुआ था। अब संजय लीला भंसाली अपनी सीरीज के लिए इस जगह की पूरी कहानी बताने जा रहे हैं।

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