Ram Mandir : 22 जनवरी को भगवान दास सिंगारी जाएंगे अयोध्या, धीरेंद्र शास्त्री के बाद न्योता पाने वाले जिले के दूसरे संत
अयोध्या में 22 जनवरी को होने जा रहे राम लला के प्राण प्रतिष्ठा में उस महंत को भी न्योता मिला है, जिन्होंने साल 1992 में अपने प्राणों की परवाह किए बिना ही उमा भारती के साथ अयोध्या पहुंचकर संघर्ष किया। और गिरफ्तार भी हुए। यही कारण कि आज उन्हें भव्य आयोजन में शामिल किया जा रहा है। और न्योता भी भेजा गया है। कार्यक्रम में उनकी सीट भी निर्धारित की गई है।
भगवान दास सिंगारी मध्य प्रदेश के छतरपुर स्थित महोबा रोड के जानराय टोरिया के महंत है। एक रिपोर्ट के अनुसार, महंत भगवान दास सिंगारी ने साल 1992 की घटना को दोहराते हुए कहा, “पहले हम लोगों को चित्रकूट में गिरफ्तार करके रात करीब 12:00 बजे जंगलों में छोड़ दिया गया था और उसके बाद हम सभी राम के कार्यसेवक वहां से बचते बचाते अयोध्या पहुंच गए और उमा भारती के नेतृत्व में डटकर मुकाबला किया और अपनी जान के परवाह किए बिना रामकाज में लग रहे। हमारी आंखों के सामने कारसेवकों पर गोलियां चलाई गई और देखते ही देखते सरजू नदी का पानी लाल हो गया था।
अयोध्या में खून की नदियां बहने लगी थी, लाशें ही लाशे नजर आ रही थी। मगर हम लोगों ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और डटकर लगातार मुकाबला करते रहें। आज खुशी इस बात की है कि उस समय के संघर्ष के कारण हम लोगों को आज मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन अपनी आंखों से देखने का अवसर मिलेगा, इसलिए हम उत्साहित और अपने को गौरवान्वित महसूस करते हैं।”
खास बात यह है कि अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाली ऐतिहासिक आयोजन में छतरपुर जिले से सिर्फ दो लोगों को न्योता दिया गया है। एक बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री और दूसरे जानराय टोरिया के महंत भगवान दास सिंगारि।
पीएम नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को 8,000 से अधिक अतिथियों के मौजूदगी में अयोध्या स्थित भव्य मंदिर में भगवान राम के मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में हिस्सा लेंगे। राम मंदिर में 23 जनवरी से लाखों श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह और भक्तों के आगमन के मद्देनजर उत्तर प्रदेश के इस शहर में व्यापक व्यवस्था की जा रही है।