UPI Transaction limit : UPI से करते हैं लेनदेन तो आपको जरूर जान लेना चाहिए ये पांच नियम
देश में UPI के जरिए लेन देन करने वालों की संख्या करोड़ों में पहुंच गई है। इसका कारण है कि UPI से भुगतान करना आसान है। यूपीआई की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए हाल ही के दिन में कई बदलाव किए गए हैं। ऐसे में अगर आप यूपीआई का इस्तेमाल करते हैं तो नए नियम का जरूर पालन करें।
आजकल लोग नगद पेमेंट के बजाय डिजिटल तरीके या फिर UPI से पेमेंट करना ज्यादा पसंद करते हैं। ऐसे में आपकी जानकारी के लिए बता दे की हाल ही में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस में पांच नए बदलाव किए गए हैं। अगर आप UPI का इस्तेमाल करते हैं तो आपको इन नियमों के बारे में जरूर पता होना चाहिए।
- इन जगहों पर भुगतान की सीमा बढ़ाई गई- UPI से अस्पतालों, शैक्षणिक संस्थानों के लिए भुगतान की सीमा बढ़ाई गई है। अस्पतालों और शिक्षा संबंधित भुगतानों के लिए लेनदेन सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दी गई है।
- UPI पर पूर्व- स्वीकृत क्रेडिट लाइन – UPI यूजर्स को अब पूर्व -स्वीकृत क्रेडिट लाइन का लाभ मिलना शुरू हो गया है। यानी बैंक खाते में पैसा नहीं रहने पर भी वे भुगतान करने में सक्षम होंगे। पूर्व -स्वीकृत क्रेडिट लाइन व्यक्तियों और व्यवसायों के लिए ऋण की उपलब्धता लाएगी, जिसस देश में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिलेगा।
- सेकेंडरी मार्केट के लिए UPI – इसके साथ ही, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन आफ इंडिया में सेकेंडरी मार्केट के लिए यूपीआई पेश किया है, जो वर्तमान में अपने बीटा चरण में है, जिससे सीमित ग्राहकों को व्यापार की पुष्टि के बाद फंड को ब्लॉक करने और क्लीयरिंग कॉरपोरेशन के माध्यम से टी1 आधार पर भुगतान का निपटान करने की अनुमति मिलती है।
- क्यूआर कोड वाले UPI एटीएम – क्यूआर कोड का इस्तेमाल करने वाले यूपीआई एटीएम, जो वर्तमान में पायलट चरण में है। उसके आ जाने के बाद फिजिकल डेबिट कार्ड ले जाने के बिना कैश निकालने की सुविधा मिलेगी।
- 4 घंटे की कूलिंग पीरियड-भारतीय रिजर्व बैंक ने नए लोगों को 2,000 रुपए से ज्यादा का पहला भुगतान करने पर 4 घंटे की कूलिंग अवधि का प्रस्ताव दिया है, जिससे भेजने वालों को समय सीमा का अन्दर लेन-देन को लौटाने या संशोधित करने की सुविधा मिल जाए।