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Varanasi Gyanvapi Case : व्यास जी के तहखाने में 30 साल बाद रातों-रात हुई पूजा, बैरिकेड भी हटाए गए

वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर के व्यास जी के तहखाना में आखिरकार 30 साल बाद पूजा- अर्चना शुरू हो गई। आज सुबह काफी लोग पूजा करने के लिए तहखाना में पहुंचे हैं। ज्ञानवापी परिसर के व्यास के तहखाने में पूजा की गई। डीएम ने कहा कि कोर्ट के आदेश का अनुपालन किया गया है। वाराणसी के जिला अदालत के फैसले के बाद में रातों-रात तहखाना में बैरिकेडिंग हटा दी गई और पूजा के लिए लोग जुटने लगे। कोर्ट ने बुधवार 31 जनवरी को हिंदू पक्ष को राहत देते हुए परिसर में मौजूद तहखाना में हिंदुओं को पूजा पाठ करने का अधिकार देने का फैसला सुनाया था।

बुधवार को जिला अदालत क्या देश के बाद पूजा की व्यवस्था के लिए 7 दिन का समय दिया गया था लेकिन जिला प्रशासन पुलिस और विश्वनाथ ट्रस्ट के पुजारी की देर रात तक मीटिंग हुई और रात 2:00 बजे यह घोषणा कर दिया गया कि कोर्ट क्या आदेश का पालन हो चुका है।

Varanasi Gyanvapi Case
व्यास जी के तहखाने में 30 साल बाद रातों-रात हुई पूजा

वाराणसी के लिए 30 साल के बाद वही सुबह लौट आई है। जब ज्ञानवापी के व्यास के तहखाने में घंटियों के साथ आरती की आवाज गूंजा करती थी। जिला अदालत के फैसले के बाद ज्ञानवापी के उस व्यास तहखाने में आधी रात को 2:00 बजे पूजा हुई जहां 30 साल तक पूजा करने पर रोक लगी हुई थी। विश्वनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी और अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त निकालने वाले गणेश्वर द्रविड़ ने व्यास जी के तहखाना में पूजा करवाई।

इस बीच आरआरएफ के जवान काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी परिसर में पहुंच गए हैं। कोर्ट के आदेश के बाद ज्ञानवापी के व्यास तहखाने के बाहर बुधवार से अचानक ही हलचल बढ़ने लगी और रात 10:00 बजे वाराणसी के जिलाधिकारी और डीआईजी ज्ञान वापी के परिसर में पहुंचे। इसके बाद यहां बैरिकेड हटाए गए और ज्ञानवापी परिसर के बाहर पुलिस की जबरदस्त घेराबंदी थी।

रात 2:00 बजे पुलिस कमिश्नर और जिलाधिकारी एक साथ बाहर निकले और कहा की कोर्ट के आदेश का पालन कर दिया गया है। पुलिस कमिश्नर अशोक मुथा जैन का कहना है कि कोर्ट के आदेश के मुताबिक रास्ते तैयार करने, बैरिकेडिंग हटाने के साथ सुरक्षा के सभी इंतजाम कर दिए गए हैं।

इस मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील शंकर जैन ने कहा, एसजी ने कोर्ट के आदेश का पालन किया है। केवीएम ट्रस्ट के पुजारी द्वारा प्रतिमा स्थापित करने के बाद शयन आरती की गई। उनके सामने अखंड ज्योति जलाई गई। सभी देवताओं के दैनिक आरती, सुबह की मंगला आरती, भोग आरती, शाम की आरती, देर सूर्य की शाम की आरती शयन आरती की जाएगी।

अदालत द्वारा ’व्यास का तहखाना’ में पूजा की अनुमति दिए जाने के बाद वकील सोहनलाल आर्य ने बताया, “आज हम बहुत गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। अदालत का बुधवार का फैसला अभूतपूर्व था, व्यवस्था की गई है लेकिन व्यास का तहखाना अभी तक भक्तों के लिए नहीं खोला गया है।

हिंदू पझ के ऐतिहासिक निर्णय की तुलना राम मंदिर का ताला खोलने के निर्णय से कर रहा है। दरअसल, व्यास के तहखाने में कोर्ट ने पूजा की अनुमति दी है, वह तहखाना नंदी भगवान के ठीक सामने है, व्यास जी तहखाना में पूजा के अधिकार को लेकर याचिका दायर की गई थी। ज्ञानवापी के इस तहखाने में 30 साल से पूजा नहीं हो रही थी। हिंदू पक्ष का दावा है कि साल 1993 तक वह लोग तहखाना में मौजूद मूर्ति की नियमित पूजा करते थे। लेकिन साल 1992 में बाबरी विध्वंस के बाद तत्कालीन मुलायम सरकार ने उनके इस अधिकार को समाप्त कर उन्हें पूजा के अधिकार से वंचित कर दिया था। वहां से पुजारियों को भी हटा दिया गया था। इसके बाद यहां पर सालाना माता श्रृंगार गौरी की पूजा हो रही थी।

अदालत के 17 जनवरी के आदेश पर डीएम ने 24 जनवरी को तहखाना अपनी सुपुर्दगी में ले लिया था। हिंदू पक्ष लगातार मांग कर रहा था कि उन्हें दोबारा पूजा करने का अधिकार दिया जाए। वही, मुस्लिम पक्ष ने इस फैसले पर ऐतराज

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