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Basant Panchami : तीन ग्रहों के साथ शुभ संयोग में मनाई जाएगी बसंत पंचमी, नोट कर ले पूजा, विधि और उपाय

माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर बसंत पंचमी पूजा होगी। सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त 14 फरवरी की सुबह 6:32 से शाम 5:40 तक का है। आचार्य ठाकुर ने कहा कि सरस्वती पूजा शुभ मुहूर्त मे हीं करनी चाहिए। इस साल मकर राशि में बुध, मंगल और शुक्र एक साथ रहेंगे। तीन ग्रह के योग के साथ रेवती नक्षत्र के शुभ संयोग पर बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाएगा। आचार्य ने कहा कि पंचमी तिथि के अद्भुत संयोग में मां सरस्वती का पूजा अत्यंत शुभ दायक माना जा रहा है।

इस दिन मां सरस्वती के साथ-साथ भगवान गणेश, लक्ष्मी, कॉपी, कलम और संगीत यंत्रों की पूजा फलदाई मानी जाती है। ब्रह्मवैवर्त पुराण में इस तिथि से अझराम्भ, विद्यारंभ को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। पूजा के बाद श्रद्धालु एक दूसरे को अबीर और गुलाल लगाएंगे और इसी दिन से होली महीने आरंभ हो जाता है। हर जगह सरस्वती पूजा की तैयारी शुरू हो चुकी है।

पूजा विधि:- प्रातः काल स्नान कर पूजा स्थल पर एक चौकी पर पीला वस्त्र बिछाए, उस पर मां सरस्वती का चित्र या प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद कलश, भगवान गणेश और नवग्रह पूजन कर मां सरस्वती की पूजा करें। मिष्ठान का भोग लगाकर आरती करें।

बसंत पंचमी के दिन क्या करें:- बसंत पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।

. इस दिन के पिले वस्त्र धारण करना चाहिए।

. बसंत पंचमी के दिन पूरे विधि विधान से मां सरस्वती की पूजा करें।

. पूजा के समय सरस्वती वंदना का पाठ अवश्य करें।

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