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Kalki Dham : संभल में पीएम नरेंद्र मोदी बोले, कृष्ण को चावल देते सुदामा का वीडियो निकल आता तो आज कृष्ण पर भी भ्रष्टाचार का आरोप लग जाता…

उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि के धाम के शिलान्यास समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश की धरती से भक्ति और अध्यात्म की और धारा प्रवाहित होने को लालायित है। आज एक और पवित्र धाम की नींव रखी जा रही है। मुझे भव्य कल्कि धाम के शिलान्यास को सौभाग्य मिला है। मुझे पूरा विश्वास है कि कल्कि धाम भारतीय आस्था के एक और विराट केंद्र के रूप में उभरकर सामने आएगा। विकास भी और विरासत भी के मंत्र से आज का भारत विकास पथ तेज गति से अग्रसर है। उत्तर प्रदेश के संभल में श्री कल्कि धाम मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम का हिस्सा बनना सौभाग्य की बात है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर कलयुग में सुदामा पोटली में चावल दे देते तो उनका भी वीडियो वायरल हो जाता। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर याचिका जाती, जिस पर भगवान कृष्ण पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते और फिर ऑर्डर आता।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, “मैं प्रमोद कृष्णम को एक राजनैतिक व्यक्ति के रूप में दूर से जानता था लेकिन जब कुछ दिन पहले उनसे भेंट हुई तो पता चला कि वह ऐसे धार्मिक आध्यात्मिक कार्यों में कितनी मेहनत से लगे रहते हैं। कल्कि मंदिर के लिए इन्हें पहले की सरकारों के समय लंबी लड़ाई लड़ने पर कोर्ट के चक्कर भी लगाने पड़े। आज हमारी सरकार में वो निश्चित होकर इस काम को शुरू कर पाए हैं।”

कल्कि कालचक्र के परिवर्तन के प्रणेता भी हैं और प्रेरणा भी हैं। भारत पराभाव से भी विजय को खींच लाने वाला राष्ट्र है। हम पर सैकड़ो सालों तक इतने आक्रमण हुए। कोई और देश होता, कोई और समाज होता तो लगातार इतने आक्रमणों की चोट से पूरी तरह नष्ट हो गया होता। फिर भी हम न केवल डटे रहे बल्कि और भी ज्यादा मजबूत होकर सामने आए।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, “आज एक तरफ हमारे तीर्थो का विकास हो रहा है तो दूसरी तरफ शहरों में हाईटेक इंफ्रास्ट्रक्चर भी तैयार हो रहा है। आज अगर मंदिर बन रहे हैं तो देश भर में नए मेडिकल कॉलेज भी बन रहे है। यह परिवर्तन इस बात का प्रमाण है कि समय का चक्र घूम चुका है, एक नया दौर आज हमारे दरवाजे पर दस्तक दे रहा है इसलिए मैंने लाल किले से कहा था यही समय है सही समय है।”

आज हम देश में जो सांस्कृतिक पुनरोदय देख रहे हैं ,आज अपनी पहचान पर गर्व है उसकी स्थापना का जो आत्मविश्वास देख रहें हैं, वह प्रेरणा हमें छत्रपति शिवाजी महाराज से ही मिलती है। पिछले महीने ही देश ने अयोध्या में 500 साल के इंतजार को पूरा होते देखा है। रामलला के विराजमान होने का वह अलौकिक अनुभव, वह दिव्य अनुभूति अब भी हमें भावुक कर जाती है। इसी बीच हम देश से सैकड़ों किलोमीटर दूर अरब कि धरती पर, अबु धाबी से पहले विराट मंदिर के लोकार्पण के साक्षी भी बने हैं ।

इसी कालखंड में हमने विश्वनाथ धाम के वैभव को निखरते देखा है। इसी कालखंड में हम काशी का कायाकल्प भी होते देख रहे हैं। इसी दौर में महाकाल के महालोक की महिमा हमने देखे हैं। हमने सोमनाथ का विकास देखा है। केदार घाटी का पूर्ण निर्माण देखा है। हम विकास भी और विरासत भी के मंत्र को आत्मसात करते हुए चल रहे हैं।

आज पहली भारत उस मुकाम पर हैं जहां हम अनुसरण नहीं कर रहे हैं, उदाहरण पेश कर रहे हैं। आज पहली बार भारत को टेक्नोलॉजी और डिजिटल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में संभावनाओं के केंद्र के रूप में देखा जा रहा है। हमारी पहचान इन्नोवेशन हब के तौर पर हुई है। पहली बार भारत के नागरिक चाहे वह दुनिया के किसी भी देश में हो, अपने आप को इतना गौरवान्वित महसूस करते हैं। देश में सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास पर यह ज्वार अद्भुत है। इसलिए आज हमारी शक्ति भी अनंत है और हमारे लिए संभावनाएं भीअपार है।

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