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Mongoose Snakes Enemies : जहर का क्यों नहीं होता असर? जान लीजिए दुश्मनी का कारण, बड़े से बड़े सांपों से भी कैसे जीत जाता है नेवला

सांप और नेवले की लड़ाई सदियों पुरानी है. इतनी पुरानी की अब तो इनके बीच की जंग को देखते हुए इनसे जुड़ी उपमाएं दी जाती हैं. जब दो व्यक्ति आपस में झगड़ते हैं तो उन्हें सांप और नेवला समझ लिया जाता है. पर क्या कभी आपने सोचा है कि आखिर इस लड़ाई के पीछे का कारण क्या है और बड़े से बड़े सांपों (Why Mongoose Snakes Enemies) के सामने भी नेवला कैसे टिका रह जाता है, उसके ऊपर जहर का असर क्यों नहीं होता?

जैसे आपके मन में ये सवाल आए होंगे, उसी प्रकार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कोरा पर भी लोगों के मन में ये सवाल (Saanp Nevle ki Dushmani) आए हैं. जिसकी वजह से किसी व्यक्ति ने कोरा पर इससे जुड़ा एक सवाल पूछ लिया और कुछ लोगों ने सवाल का जवाब भी दिया है. सवाल है- “अगर सांप और नेवले के बीच लड़ाई होती है तो जीतेगा कौन?” आप पढ़ रहे हैं न्यूज18 हिन्दी की सीरीज अजब गजब नॉलेज जिसके तहत हम आपको दुनिया से जुड़ी रोचक जानकारियां देते हैं. आज बात होगी सांप और नेवले पर, मगर उससे पहले जान लीजिए कि लोगों ने इस सवाल का क्या जवाब दिया है.

कोरा पर लोगों ने क्या दिया जवाब?

योगेश कुमार नाम के व्यक्ति ने कहा- “सांप और नेवले की लड़ाई आपने भी देखी होगी. इस लड़ाई में कभी सांप का पलड़ा भारी होता है कभी नेवले का, इस दौरान दोनों ही लहू लुहान हो जाते है. ज्यादातर मामलों में नेवला सांप को मार देता है और जीत अधिकतर नेवले की ही होती है. सांप और नेवला एक दूसरे के जानी दुश्मन होते हैं और जब भी ये एक दूसरे के सामने होते हैं तो दोनों एक दूसरे के खून के प्यासे हो जाते हैं.”

जहर से क्यों नहीं मरते नेवले?

जवाब तो कई हैं, पर चलिए जानते हैं कि विज्ञान इसको लेकर क्या कहता है. फॉरेस्ट वाइल्डलाइफ वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार नेवले और सांप की दुश्मनी प्रकृति की दी हुई है. सांप, नेवलों के लिए भोजन मात्र हैं और वो सांपों का शिकार सिर्फ खाने के लिए करते हैं. पर गौर करने वाली बात ये है कि नेवले अधिकतर पहले हमला नहीं करते, वो सांप के हमले से खुद को, या अपने बच्चों को बचाने के लिए ही हमला करते हैं. इंडियन ग्रे मॉन्गूस को सबसे खतरनाक स्नेक किलर, यानी सांपों का दुश्मन माना जाता है. ये नेवला, किंग कोबरा तक को मार डालता है. कई बार, सांप, नेवले के बच्चों पर हमला कर के उन्हें खा जाता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि नेवलों के शरीर में एसिटाइलकोलिन acetylcholine होता है, ये न्यूरोट्रासमीटर होता है जो दिमाग में मौजूद होता है. ये खून में मिले विष से बंधकर उसे कम कर देता है. इस वजह से नेवलों की जहर से मौत नहीं होती. यानी वो जहर के प्रति इम्यून होते हैं. इस वजह से उन्हें कुछ नहीं होता.

Source : News18

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