शेखपुरा न्यूज़

Barbigha Block: प्रखंड अंतर्गत बरबीघा शेरपर पोखर के जिर्णोद्धार कार्य में गड़बड़ी का मामला डीएम के पास पहुंचा

शेखपुरा। जल जीवन हरियाली योजना के तहत जिले के बरबीघा प्रखंड अंतर्गत बरबीघ शेरपर पोखर के जिर्णोद्धार कार्य में गड़बड़ी का मामला अब जिलाधिकारी के पास पहुंच गया है। मछली पालन के साथ-साथ कृषि कार्य की उपयोग में आने वाले इस पोखर के जीर्णोद्धार का मामला लंबे समय से विवादों में घीरा हुआ है। ग्रामीणों के मांग के बादजुद निर्माण विभाग के अभियंता इस कार्य को नियमों को दरकिनार करते हुए पूरा करने में जुटे हुए हैं।

Barbigha Block: प्रखंड अंतर्गत बरबीघा शेरपर पोखर के जिर्णोद्धार कार्य में गड़बड़ी का मामला डीएम के पास पहुंचा
पोखर के जीर्णोद्धार में गड़बड़ी का मामला डीएम के पास पहुंचा

इस संबंध में नियमों को तक पर रखकर जल जीवन हरियाली योजना के क्रियान्वयन के दौरान तालाब के जीर्णोद्धार और नाली बनाने के काम में बरती जा रही अनियमितता को लेकर जिलाधिकारी को हस्तक्षेप करने की मांग उठने लगी है। इस मामले में मत्स्य सहयोग समिति बरबीघा के पूर्व सचिव लक्ष्मी देवी ने जिलाधिकारी को इस कार्य में गड़बड़ी करने वाले अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है ।उन्होंने बताया कि नगर परिषद बरबीघा द्वारा नाला निर्माण का विरोध करते हुए शिकायत की थी। लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

लक्ष्मी देवी ने इस मामले में जिलाधिकारी के साथ-साथ इस आवेदन की प्रतिलिपि कार्यपालक अभियंता लघु सिंचाई विभाग नगर परिषद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी जिला मत्स्य पदाधिकारी प्रधान सचिव नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव आदि सभी को प्रेषित किया है। लक्ष्मी देवी ने आरोप लगाया कि जल जीवन हरियाली योजना के क्रियान्वयन के मूलभूत सिद्धांतों की पूरी तरह अनदेखी की जा रही है। जिसके तहत पोखर के जीर्णोधार के पूर्व उसे अतिक्रमण मुक्त करना अनिवार्य है ।लेकिन इस विशाल पोखर पर सरकारी और निजी दोनों स्तर के अतिक्रमण मौजूद है। इसके अलावा नाला निर्माण के माध्यम से गंदे पानी के निष्कासन की भी उचित व्यवस्था नहीं करते हुए 50 फीट भूमि को भविष्य में अतिक्रमण करने के लिए खुला छोड़ दिया गया है ।

इस पोखर को आसपास के गांव के किसानों के लिए लाइफ लाइन माना जा रहा है। निर्माण कार्य में गड़बड़ी करते हुए आहार में नाला के गंदा पानी गिराया जा रहा है। जिससे मछली पालन के साथ-साथ किसानों के कृषि योग भूमि भी दूषित हो रही है। वायु प्रदूषण के भी बढ़ने की संभावना है कागज पर बने प्राकल्लन के विपरीत नाला का निर्माण कर लाखों का न्यारा व्यारा करने की योजना अधिकारियों ने बना रखी है। लक्ष्मी देवी ने इस मामले में सरकारी नियमों के साथ-साथ सर्वोच्च और उच्च न्यायालयों के आदेशों का हवाला देते हुए जल जीवन हरियाली योजना के तहत पर्यावरण की रक्षा के साथ-साथ जल स्रोत के मूल स्वरूप को बरकरार रखने की मांग की है।

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