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Gyanvapi Survey Report : ज्ञानवापी में बड़ा हिंदू मंदिर मौजूद था, तहखाना में भी मूर्ति मिली, ASI सर्वे की रिपोर्ट में खुलासा

कोर्ट के आदेश के बाद ज्ञानवापी मस्जिद का ASI सर्वे करवाया गया था। 18 दिसंबर को एएसआई ने जिला जज की अदालत में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। इसके बाद हिंदू पक्ष ने मांग की थी कि सर्वे रिपोर्ट की कॉपी दोनों पक्षों को दी जाए। इस पर बुधवार 24 जनवरी 2024 को जिला कोर्ट ने सभी पझो को सर्वे रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया था।

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ज्ञानवापी मस्जिद के परिसर की एएसआई सर्वे की रिपोर्ट को लेकर हिंदू पझ के वकील विष्णु शंकर जैन ने कई दावे किए हैं। गुरुवार को उन्होंने एएसआई की सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक की और कहां की रिपोर्ट में सामने आया है कि ज्ञानवापी में पहले हिंदू मंदिर था। उन्होंने कहा कि जिला जज के नकल विभाग कार्यकाल ने उन्हें ज्ञानवापी मस्जिद की एएसआई सर्वे रिपोर्ट सौंप दी है। इस रिपोर्ट के कुल पन्नों की संख्या 839 बताई जा रही है। इस रिपोर्ट को लेकर गुरुवार को विष्णु शंकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की।

विष्णु शंकर ने कहा कि जीपीआर सर्वे पर एएसआई ने कहा है कि यह कहा जा सकता है कि यहां पर एक बड़ा भव्य हिंदू मंदिर था, अभी के ढांचा के पहले एक बड़ा हिंदू मंदिर मौजूद था। ASI के अनुसार, वर्तमान में जो ढांचा है इसकी पश्चिमी दीवार पहले के बड़े हिंदू मंदिर का हिस्सा है। यहां पर एक प्री एक्जिस्टिंग स्ट्रक्चर है उसी के ऊपर बनाए गए।

हिंदू पक्ष में आगे रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि पिलर्स और प्लास्टर को थोड़े से मोडिफिकेशन के साथ मस्जिद के लिए फिर से उपयोग किया गया है। हिंदू मंदिर के खंभों को थोड़ा बहुत बदलकर नए ढांचे के लिए उपयोग किया गया। पिलर के नक़ासियों को मिटाने की कोशिश की गई है। यहां पर 32 ऐसे शिलालेख मिले हैं जो पुराने हिंदू मंदिर के हैं देवनागरी ग्रंथ तेलुगु कन्नड़ के शिलालेख मिले हैं। हिंदू पक्ष के वकील ने कहा कि महामुक्ति मंडप यह बहुत ही महत्वपूर्ण शब्द है जो इसके शिलालेख में मिला है।

सर्वे के दौरान एक पत्थर मिला। शिलालेख मिला जिसका टूटा हुआ हिस्सा पहले से ASI के पास था। पहले के मंदिर के पिलर को दोबारा से उपयोग किया गया है। तह खाना में हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियां मिली हैं, जिन्हें तहखाना के नीचे मिट्टी से दवा दिया गया था। पश्चिमी दीवार हिंदू मंदिर का ही हिस्सा है यह पूरी तरीके से साफ है। 17वीं शताब्दी में हिंदू मंदिर को तोड़ा गया और इसके विध्वंस किए हुए मलबे से ही वर्तमान ढांचे को बनाया गया। मंदिर के पिलर को रेस्क्यू किया गया है।

हिंदू पझ से कोर्ट में मौजूद वकील विष्णु शंकर जैन ने इस बात पर लगातार जोर दिया था कि रिपोर्ट की कॉपी पझ कारों के इमेल पर प्रोवाइड कराई जाए। इसे लेकर ASI की तरफ से यह आपत्ति की गई है ईमेल पर रिपोर्ट की टेंपरिंग हो सकती है। और रिपोर्ट साइबर फ्रॉड का भी शिकार हो सकता है। इसलिए इसकी हार्ड कॉपी ही मुहैया की जाए। इस पर मुस्लिम पझ भी सहमत हूआ। उसके बाद जिला जज ने ASI ज्ञान वापी सर्वे की रिपोर्ट पझ कारों को हार्ड कॉपी देने का आदेश दिया था।

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