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क्या आप जानते हैं कि जया बच्चन ही को क्यों भेजा जाता है बार-बार राज्यसभा? क्या चाहती है आखिर समाजवादी पार्टी

अखिलेश यादव लगातार पिछड़े, दलित, आदिवासी के बारे में बात कर रहे हैं लेकिन जब बात राज्यसभा के उम्मीदवार की आती है तो सपा ओबीसी और मुस्लिम वर्ग के किसी भी उम्मीदवार को नामित नहीं करते हैं. उनके तीन राज्य सभा उम्मीदवारों में दो सामान्य वर्ग और एक दलित वर्ग से है.इसे लेकर समाजवादी पार्टी की हर तरफ से आलोचना भी हो रही है. जया बच्चन एक बार फिर से राज्यसभा में जाने की तैयारी कर रही हैं.

समाजवादी पार्टी ने उन्हें पांचवीं बार अपना उम्मीदवार बनाया है. सदन के भीतर इसी बात की आलोचना की जा रही है कि आखिर जया बच्चन ही हर बार राज्यसभा में क्यों जाती हैं। जबकि कई वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता दरकिनार कर दिए गए हैं. जया बच्चन के राज्यसभा उम्मीदवार को लेकर सपा कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर अपनी ही पार्टी के शीर्ष नेताओं के बारे में आलोचना की है.

सबसे पहले इसका विरोध पलवी पटेल ने किया है. यूं तो वह तकनीकी रूप से समाजवादी पार्टी की विधायक हैं लेकिन उनकी पार्टी अपना दल ने अपना पक्ष साफ कर दिया है. उनके नेता किसी भी वजह से सपा के राज्यसभा प्रत्याशियों आलोक रंजन और जया बच्चन के पक्ष में वोट नहीं करना चाहती हैं.अब आगे सवाल यह उठ रहा है कि आखिरकार इतनी आलोचनाओं के बाद भी जया बच्चन को ही राज्यसभा क्यों भेजा जा रहा है. इसकी पांच वजह सामने आ रही हैं-

वजह नंबर-1

जया बच्चन की सपा से लगातार पांचवीं बार राज्यसभा उम्मीदवार के पीछे की सबसे बड़ी वजह यह है कि यादव परिवार की उनके साथ घनिष्ठता है। मुलायम सिंह यादव ने चार बार उन्हें राज्यसभा भेजा और कहा जा रहा है कि जया बच्चन इस परिवार के बेहद निकट हैं। यहां तक की अमर सिंह जब सपा और यादव परिवार से बाहर कर दिए गए तब भी जया बच्चन मुलायम सिंह यादव और उनके परिवार को नहीं छोड़ पाई थी.

वजह नंबर-2

दूसरी वजह यह भी है कि जया बच्चन डिंपल यादव की पसंद मानी जाती हैं. कहा जाता है कि सदन के भीतर डिंपल यादव और जया बच्चन की केमिस्ट्री बिल्कुल परफेक्ट है और डिंपल यादव हमेशा उनके पक्ष में रहती हैं.

वजह नंबर-3

तीसरी वजह यह भी है कि जया बच्चन उस आधी आबादी से आती है जिसका प्रतिनिधित्व समाजवादी पार्टी करना चाहती है. राज्यसभा में वह सपा की महिला चेहरा है.

वजह नंबर-4

जया बच्चन का स्टेटस एक सेलिब्रिटी का है और पार्टी को लगातार एक ऐसा चेहरा चाहिए जिसके अंदर कला और संस्कृति का प्रतिनिधित्व करने की क्षमता हो.

वजह नंबर-5

एक वजह यह भी है कि जया बच्चन समाजवादी पार्टी के आंतरिक मामलों में कभी हस्तक्षेप नहीं करती हैं. चाहे पार्टी का संगठन हो या टिकट का बंटवारा हो या फिर राज्यसभा सांसद के तौर पर उन्हें विकास के काम करने हो जैसा पार्टी तय कर देती है जया बच्चन उसे वैसा ही स्वीकार कर लेती हैं और हर तरह से समझौते के लिए तैयार रहती हैं.

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