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लोकसभा चुनाव के कारण अगले तीन महीने ‘मन की बात’ का नहीं होगा प्रसारण, पीएम मोदी ने दी जानकारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक बार फिर से अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिए सभी देशवासियों को संबोधित किया इस दौरान उन्होंने कहा कि अगले तीन महीने तक अब मन की बात कार्यक्रम नहीं प्रसारित होगा और उन्होंने इसके पीछे की वजह भी बताई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के 110वें एपिसोड में अहम बातें बताई हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री ने तीन लोगों से फोन पर बात भी की और कई सारी सरकारी योजनाओं के संबंध में उनके अनुभवों के बारे में जाना। पीएम मोदी ने प्राकृतिक खेती के महत्व को भी बताया और कहा कि केमिकल से हमारी धरती मां को पीड़ा हो रही थी उसे बचाने में मात्र संस्था ने काफी योगदान दिया .

उन्होंने कहा कि देश के कोने-कोने में महिलायें अब प्राकृतिक खेती को विस्तार दे रही हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि वह अगले 3 महीने तक अब मन की बात कार्यक्रम को नहीं कर पाएंगे। उन्होंने कहा मन की बात में देश के सामूहिक शक्ति और उपलब्धि की बात की जाती है। यह एक तरह से जनता के लिए जनता द्वारा तैयार होने वाला कार्यक्रम है। अब अगले 3 महीने तक इसका प्रसारण नहीं किया जा सकेगा।

पीएम मोदी ने कहा कि देश में लोकसभा चुनाव का माहौल है और जैसा कि पिछली बार हुआ था संभावना है कि मार्च के महीने में आचार संहिता भी लग सकती है। यह मन की बात की बहुत बड़ी सफलता है इसके पीछे 110 एपिसोड में हमने इसे सरकार से दूर रखा. ‘मन की बात’ में देश की सामूहिक शक्ति की बात होती है, देश की उपलब्धि की बात होती है.

ये एक तरह से जनता का, जनता के लिए, जनता द्वारा तैयार होने वाला कार्यक्रम है. लेकिन फिर भी राजनीतिक मर्यादा का पालन करते हुए लोकसभा चुनाव के इन दिनों में अब अगले 3 महीने ‘मन की बात’ का प्रसारण नहीं होगा. उन्होंने कहा अब जब भी मन की बात में संवाद होगा तो वह 111 एपिसोड होगा अगली बार मां की बात की शुरुआत 111 के शुभ अंक से ही होगी इससे अच्छा क्या होगा?

इस दौरान पीएम मोदी ने जल संरक्षण का भी जिक्र किया और कहा कि कैसे रेनवाटर हार्वेस्टिंग से हम पानी को बचा सकते हैं। वन्य जीव संरक्षण का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि आपको यह जानकर खुशी होगी कि हमारे देश के अलग-अलग हिस्सों में वन्यजीवों के संरक्षण के लिए टेक्नोलॉजी को अपनाया जा रहा है।

पिछले कुछ वर्षों में सरकार के प्रयासों से देश में बाघों की संख्या बढ़ गई है। महाराष्ट्र के चंद्रपुर के टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या ढ़ाई-सौ से ज्यादा हो गयी है. चंद्रपुर जिले में इंसान और बाघों के संघर्ष को कम करने के लिए AI की मदद ली जा रही है.’

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