ताज़ा खबरेंराम मंदिर

Ram Mandir : मैं शहीद हो गया तो राम मंदिर का संकल्प, उमा भारती ने शेयर किया आडवाणी का पुराना किस्सा

भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने कहा कि हाल ही में दिए गए इंटरव्यू के दौरान उन्होंने दो बातों का चर्चा किया था। दोनों बातों में लाल कृष्ण आडवाणी की महानता दिखाई देती है। उमा भारती ने कहा कि 6 दिसंबर की घटना के ठीक बाद जब 8 दिसंबर को आडवाणी और 5 और नेताओं की गिरफ्तारी हुई थी।

इसमें अशोक सिंघल, मुरली मनोहर जोशी, विष्णु हरि डालमिया, विनय कटियार और मैं भी शामिल था। हम 6 लोग गिरफ्तारी के बाद आगरा की जेल में ले जाया गया। वहां सुबह आडवाणी 6 दिसंबर की घटना पर एक विज्ञप्ति बनाते हुए रिग्रेट लिख रहे थे, जिसको मैंने देखा और आपत्ति जताई। इसके बाद आडवाणी ने उसे भेजा नहीं और अपनी पॉकेट में रख लिया।

भारतीय जनता पार्टी नेता ने कहा कि इस घटना के कुछ दिनों के बाद जब हमें उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले के माता टीला रेस्ट हाउस मे एक महीने के लिए रखा गया था, वहां आडवाणी रोज सुबह 8:00 बजे और शाम 4:00 बजे लॉन में टहलते थे। जिस पर जेल अधिकारियों ने मेरे द्वारा आडवाणी तक अपना अनुरोध भेजा कि भले ही यहां सुरक्षा की व्यवस्था है लेकिन बहुत दूर पेड़ से टेलीस्कोप राइफल से आडवाणी का जिंदगी संकट में पड़ सकता है।

इसलिए वह शाम को अंधेरे के बाद टहला करें। जब यह बात आडवाणी तक गई तो उन्होंने कहा कि अगर मैं यहां शहीद हो गया तो इस राष्ट्र का राम मंदिर का संकल्प शीघ्र पूरा हो जाएगा। यह बात उन्होंने मुझसे अकेले में बताई जो एक पिता और एक नेता अपनी पुत्री और अपने अनुयाई से कह रहा था।

उमा भारती ने बताया कि यह दोनों बातें भले विरोध में लग सकती है, पर ऐसा है नहीं। जब लाल कृष्ण आडवाणी सोमनाथ से रथ यात्रा लेकर चले तो उनका आह्वान था कि विवादित ढांचे को नई टेक्नोलॉजी से गिराए बिना कहीं अन्यत्र शिफ्ट कर दिया जाए। इसके विपरीत जो घटना हुई कि उनकी आंखों के सामने कारसेवको ने अपने प्राणों के परवाह न करते हुए ढांचा ढहा दिया। लाल कृष्ण आडवाणी को शायद इसी का खेद था। साथ ही वह चाहते थे कि रामलला जहां विराजमान है वही मंदिर बने।

अयोध्या में जो भीड़ मौजूद थी, वह राम भक्त कारसेवक तो थे, लेकिन उनमें से बहुत सारे लोग हमारे अनुशासित कार्यकर्ता नहीं थे। वह किसी भी कीमत पर ढांचे को गिराने के लिए आतुर थे और ढांचा ढह जाने के कारण ही पुरातत्व विभाग खुदाई कर सका। मंदिर होने के सबूत मिले और यह बात कोर्ट ने स्वीकार की। 6 दिसंबर की घटना राम मंदिर का मूल कारण तो बनी ही ,साथ ही एक सबक भी बनी कि जनभावनाएं रिमोट से कंट्रोल नहीं होती।

भारतीय जनता पार्टी नेता ने कहा कि मैं चाहती हूं कि 22 जनवरी को पीएम नरेंद्र मोदी को रामलला के यजमान के रूप में रामललख के प्राण प्रतिष्ठा को अपनी आंखों से देखूं। इससे अच्छा दिन मेरी जिंदगी में और हो ही नहीं सकता।

Advertisement
कितनी है एक कप चाय की कीमत? एक दिन में इतना पैसा कमाता है Dolly चायवाला? अगर आपको सांप डस ले तो भूलकर भी ना करें ये 6 काम जैकलिन फर्नांडीज ने रेड रिविलिंग ड्रेस में उड़ाए लोगों के होश बिना मेकअप पति संग बच्चों के स्कूल पहुंची ईशा अंबानी, पहना था इतना सस्ता कुर्ता इंटरनेट से पहले बच्चे ऐसे करते थे मौज-मस्ती