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Success Story : बेरोजगारों को रोजगार देने की वजह से दिमाग में आया एक स्टार्टअप आइडिया, दे रहे हैं अब लाखों लोगों को जॉब

बड़े इंस्टिट्यूट में पढ़ने वाले लोगों को तो आसानी से प्लेसमेंट मिल जाता है लेकिन छोटे इंस्टिट्यूट या शहरों में रहने वाले विद्यार्थियों को इनका लाभ नहीं मिल पाता है इस वजह से वह बेरोजगार भी रह जाते हैं. ऐसे ही बेरोजगारों को रोजगार दिलाने वाले काजल मालिक और विद्यार्थी बद्दी रेड्डी के बारे में आज हम आपको बताने वाले हैं

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गिग वर्कर (Gig Worker) शब्द कुछ साल पहले तक अनजाना था भारत के लिए। लेकिन पिछले कुछ सालों में इसका कल्चर यहां भी काफी बढ़ चुका है। गिग वर्कर्स की शुरुआत में तो सिर्फ कैब ड्राइवर और डिलीवरी ब्वॉय (Delivery Boy) जैसे काम के लिए हुआ था। लेकिन आज की तारीख में यह जीवन के कई क्षेत्रों तक अपना पांव जमा चुका है। आज कई सारे गिग वर्कर्स काम कर रहे हैं जिन्हें किसी इंडस्ट्री में रेगुलर नौकरी मिली या फिर वह पढ़ाई ट्रेनिंग या कुछ और काम करता है तो थोड़ा समय गिर्ग वर्किंग के लिए निकालता है।

आज हम एक ऐसे व्यक्तियों की बात कर रहे हैं जिसने नौकरी छोड़ कर गिग वर्कर्स का स्टार्टअप (Startup of Gig Workers) बनाया और आज उसकी कंपनी में तीन लाख से भी ज्यादा लोगों को गिग वर्कर्स का रोजगार मिल रहा है।

यह रोजगार दिल्ली यूनिवर्सिटी के फैकेल्टी आफ मैनेजमेंट स्टडीज में पढ़ने वाले काजल मालिक और विद्यार्थी बद्दीरेडी दे रहे हैं इन्होंने वहां से एमबीए की डिग्री ली और केंपस प्लेसमेंट के बाद नौकरी करने लगे। इन्होंने तो अच्छे संस्थान में पढ़ाई की और ठीक-ठाक नौकरी भी लग गई लेकिन उनके मन में यह बात हमेशा रही कि बेरोजगारों को कौन रोजगार देगा उन्हें लगता है। बस, उसी समय जन्म हो गया पिकमाईवर्क (PickMyWork) नाम के स्टार्टअप का।

इन दोनों ने 25 जून 2017 को पिक माय वर्क नाम के स्टार्टअप की शुरुआत की हालांकि कंपनी तो होंगे इसका असर 2019 में हुआ। इसके बाद इनका यह बिजनेस बढ़ता चला गया और मल्टीनेशनल और राष्ट्रीय स्तर की कंपनी अभी इससे जुड़ने लगी और यह सब संभव हो पाया। गिग वर्कर्स के जरिए पिकमाईवर्क के अस्तित्व में आने के बाद उनका खर्च घट गया। साथ ही स्टार्टअप की पहुंच भी बढ़ती गई।

पिकमाय वर्क देश विदेशी डिजिटल कंपनियों को बहुत कम एक पर भुगतान प्रतीक कार्य मॉडल पर ग्राहक दे रही है यह काम बड़ी कंपनियों को अच्छा लग रहा है और धीरे-धीरे यह बढ़ता भी जा रहा है आज इसकी पहुंच देश के 120 से भी ज्यादा शहरों में हो गई है।

साथ ही इसके साथ कई सारे और कर्स भी जुड़ गए हैं। इन्होंने तीन लाख से भी ज्यादा लोगों को रोजगार दे दिया है जिसके बाद उनकी आमदनी में भी तेजी हुई है।
विद्यार्थी और काजल ने एनबीटी डिजिटल से बातचीत में बताया कि जब वे एमबीए कर रहे थे, उस वक्त वह कॉलेज की प्लेसमेंट टीम में थे।उसे समय इन्होंने देखा की स्टूडेंट के नौकरी के लिए कोई टेक्नोलॉजी नहीं है फिर उन्होंने ऐसा सॉफ्टवेयर बनाने का आईडिया निकाला कि लोगों को रोजगार मिलने में सहायता मिली।तभी तो साल 2020 तक उनसे कई आईआईएम,आईआईटी जैसे बड़े इंस्टीट्यूट जुड़ गए।

पिकमाईवर्क स्टार्टअप में हाल ही में SOSV’s Orbit Startups की अगुवाई में $1 million का सीड राउंड फंड जुटाया है। इस राउंड में Soonicorn Ventures, Upaya Social Ventures, Blume Founders Fund, Venture Catalyst, Mumbai Angels, 888 Network, Imperier Holdings और WeFounderCircle जैसे इनवेस्टर्स ने इसमें पैसे लगाए हैं।

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