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Swami Prasad Maurya on Ram Mandir Pran Pratishtha : स्वामी प्रसाद मौर्या के बिगड़े बोल, रामलला के प्राण प्रतिष्ठा पर की विवादित टिप्पणी

विवादास्पद बयानों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहने वाले समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्या ने एक बार फिर कुछ ऐसा बयान दिया है। इस बार उन्होंने अयोध्या के राम मंदिर में रामलला प्राण प्रतिष्ठा को ढोंग और पाखंड बताया है। उन्होंने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा से पत्थर सजीव हो जाता तो फिर कोई मरता ही नहीं। ऐसा हो सकता तो फिर मुर्दे क्यों नहीं चल सकते।

स्वामी प्रसाद मौर्या कर्पूरी ठाकुर सेना की तरफ से गाजीपुर के लंका मैदान में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम में बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर का शताब्दी वर्ष जयंती समारोह मनाया गया। इस दौरान समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा कि उनका जीवन हम सबके लिए प्रेरणा स्रोत है। कर्पूरी ठाकुर के बताए गए रास्ते पर चलकर ही इस मुल्क को भारतीय जनता पार्टी की तानाशाही हुकूमत से छुटकारा दिला सकते हैं। अयोध्या में हुए प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को जनता के बुनियादी सवालों से ध्यान हटाने के लिए भारतीय जनता पार्टी को पाखंड बताते हुए उन्होंने कहा कि देश के संविधान और लोकतंत्र पर गहरा संकट है। भारतीय जनता पार्टी सरकार जनता के मौलिक अधिकारों पर कुठाराघात कर रही है। वह विरोधियों की आवाज दबाने के लिए सीबीआई और ईडी का दुरुपयोग कर रही है।

दरअसल, समाजवादी पार्टी द्वारा आयोजित कर्पूरी ठाकुर शताब्दी समारोह में शामिल होने के लिए स्वामी प्रसाद मौर्या ने मंगलवार को गाज़ीपुर पहुंचे थे। जहां उन्होंने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर सवालिया निशाना उठाते हुए इसे भाजपा का कार्यक्रम बताया।

उन्होंने मंच से कहा कि एक टीवी डिबेट में एक संत कह रहे थे कि भारत एकमात्र ऐसा देश है जहां पत्थर में प्राण प्रतिष्ठा की जाती है, तो सपा प्रवक्ता ने कहा कि जिनके परिवार में भी मृत्यु हो जाती है उन्हें भी हमेशा जीवित रखना चाहिए। यदि प्राण प्रतिष्ठा करने से पत्थर जीवित हो जाता है तो मृत व्यक्ति चल क्यों नहीं सकता।

सपा नेता ने कहा यह सब दिखावा और पाखंड है। वही रामलला दर्शन के लिए अयोध्या जाने के सवाल पर कहा कि अब कोई भी कहीं भी जा सकता है। 22 जनवरी को जो कार्यक्रम हुआ वह भारतीय जनता पार्टी का निजी कार्यक्रम था। इसलिए सभी राजनीतिक दलों ने उनसे दूरी बना ली थी पत्थर में भी प्राण प्रतिष्ठा करने संबंधी बयान पर उन्होंने स्पष्ट किया कि जो भगवान के रूप में स्थापित हैं और सब का कल्याण करता है, तो हम उसमें प्राण प्रतिष्ठा करने वाले कौन होते हैं। यह कार्यक्रम भारतीय जनता पार्टी का राजनीतिक ड्रामा था और कुछ नहीं। यदि वह कोई धार्मिक अनुष्ठान होता तो चारों शंकराचार्य में से कोई एक उपस्थित होता। इसमें भाजपा, VHP और RSS के अलावा अन्य राजनीतिक दलों के लोग भी रहे होंगे।

इसलिए यह पूरी तरह से भारतीय जनता पार्टी का निजी कार्यक्रम था। यह कार्यक्रम केवल नरेंद्र मोदी जी के लिए आयोजित किया गया था, भगवान राम लला के लिए नहीं। वहां हजारों सालों से भगवान राम की पूजा होती आई है तो प्राण प्रतिष्ठा का क्या औचित्य है। मूर्ति और मंदिर के सुंदरता के सवाल पर स्वामी प्रसाद ने कहा कि मंदिर अभी अधूरा है और इस पर शंकराचार्य का विरोध भी था।

सपा नेता ने कहा कि यह पहली पार्टी है जो देश को बेचने में लगी हुई है, उन्होंने सारे बंदरगाह बेच दिए, हवाई अड्डे बेच दिए, रेलवे प्लेटफार्म बेच दिए, रेलगाड़िया बेच दी, सारे सरकारी विभागों का प्राइवेट कंपनी को बेच रहे हैं। इतना ही नहीं देश की सबसे बड़ी कंपनी एलआईसी को बेच दिया। भारतीय जनता पार्टी लोकतंत्र को कुचलने का प्रयास कर रही है। साल 2024 में भाजपा की विदाई तय है।

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