धान के फसल अवशेष (पुआल) को खेतों में न जलाने का निर्देश
शेखपुरा। जिला कृषि पदाधिकारी शिवदत्त प्रसाद सिंह द्वारा जिलान्तर्गत सभी किसानों को संबोधित करते हुए कहा गया है कि धान की कटनी का समय आ गया है। कहीं-कहीं धान की कटनी की शुरूआत भी हो गई है,। उन्होंने सभी किसानो से अनुरोध किया है कि धान के फसल अवशेष (पुआल) को खेतों में न जलाए । पुआल जलाने से वातावरण प्रदूषित होता है एवं मानव जीवन पर इसका प्रतिकूल असर पड़ता है, साथ ही मिट्टी का उर्वरा शक्ति भी कमजोर होती है। जो फसल अवशेष को जलाते हुये पकड़े जायेगे।

उन्हें कृषि विभाग द्वारा दी जानेवाली सभी तरह की सहायता/अनुदान अगले 3 साल तक के लिए बंद कर दी जाएगी।उनके धान का क्रय भी सरकारी उपक्रम द्वारा नहीं किया जाएगा। अतः सभी किसान को फसल अवशेषों को जलाना बिल्कुल बंद कर दें। फसल अवशेष प्रबंधन हेतु बहुत तरह के कृषि यंत्र हैं जिन पर 60 से 80 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है इसके लिए ऑनलाईन के माध्यम से आवेदन कर सकतें है। यह पहले आओ, पहले पाओं के सिद्धांत पर दिया जाएगा। जिले के जितने भी कम्बाईन हार्वेस्टर मालिक है। वे जिला कृषि कार्यालय से निर्गत परमिट मिलने के बाद ही हार्वेस्टर से कटनी करेंगे।
इसके लिए जिला कृषि कार्यालय में आवेदन देना है तथा एक शपथ-पत्र भी देना है कि जिस खेत में हार्वेस्टर से कटाई की जाएगी उस खेत में पराली नहीं जलाया जाएगा। सभी हार्वेस्टर मालिकों को निदेश दिया गया है कि यथाशीघ्र जिला कृषि कार्यालय में आकर हार्वेस्टर चलाने हेतु परमिट के लिए आवेदन तथा घोषणा-पत्र जमा कर दें। आवेदन एवं घोषणा-पत्र जिला कृषि कार्यालय में उपलब्ध है। बिना परमिट के हार्वेस्टर चलाने पर आपका हार्वेस्टर पकड़ कर थाना में जमा कर दिया जाएगा तथा उसके मालिकों के ऊपर प्राथमिकी दर्ज कार्रवाई की जाएगी।