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लिंगानुपात से संबंधित बहु-हितधारक मल्टीस्टैक होल्डर परामर्श कार्यशाला आयोजित

शेखपुरा। गुरुवार को कलेक्ट्रेट परिसर स्थित मंथन सभागार में जन्म के समय विषम लिंगानुपात से संबंधित बहु-हितधारक मल्टीस्टैक होल्डर परामर्श कार्यशाला का आयोजन किया गया है।
बैठक में सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार सिंह द्वारा बताया गया कि 2021-22 में भारत में लिंगानुपात 934 है, जबकि बिहार में यह संख्या मात्र 898 है।राष्ट्रीय परिवारिक स्वास्थ्य मिशन-4 के डाटा के अनुसार शेखपुरा जिला में लिंगानुपात 1013 था, जो राष्ट्रीय परिवारिक स्वास्थ्य मिशन- 5 में यह लिंगानुपात मात्र 888 ही पाया गया, जो अत्यंत ही चिंताजनक की बात है।

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न केवल एक पदाधिकारी के रूप में बल्कि इस समाज के अभिन्न अंग के रूप में यह स्थिति हमारे लिए शर्मनाक बात है। गरीबी,शिक्षा का अभाव, समाज में लड़कियों की सुरक्षा की स्थिति, आदि कई कारण है,जो इस कार्य को बढ़ावा देते है। कार्यशाला में गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम ,1994 के अंतर्गत इस तरह के अपराधो को रोकने के लिए प्रावधानों पर भी चर्चा की गई। सरकार द्वारा कड़े प्रावधानों के माध्यम से इसको रोकने का प्रयास भी किया जा रहा है।

हमारे प्रधानमंत्री द्वारा ‘बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ’ अभियान का शुभारंभ किया गया था, जिसका मुख्य उद्देश्य समाज में लैंगिक असमानता को खत्म करना है।सिविल सर्जन द्वारा बैठक में सभी अल्ट्रासाउंड क्लिनिक के संचालकों को चेताते हुए स्पष्ट निर्देश दिया गया कि किन्ही के क्लिनिक में अवैध रूप से लिंग-निर्धारण के कार्य करने की सूचना प्राप्त होती है तो उन पर तत्काल कठोर करवाई की जाएगी। उनके द्वारा सभी अल्ट्रासाउंड क्लिनिक के संचालकों को कानूनी प्रावधानों को अक्षरश: पालन करने का आदेश भी दिया गया।

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