शेखपुरा न्यूज़

National Girl Child Day: राष्ट्रीय बालिका दिवस पर कार्यक्रमों की धूम, जिलास्तरीय प्रतियोगिता में सफल बालिकाओं को डीएम ने की पुरस्कृत,बच्चियों के बीच सेनिटरी नेपकीन वितरित

शेखपुरा। गुरुवार को राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर जिले में अनेकों जगह कई कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर बालिकाओं के बीच जिलास्तरीय भाषण और संगीत प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमे अब्बल आई बच्चियों को डीएम द्वारा पुरस्कृत किया गया। आज कलेक्ट्रेट परिसर स्थित मंथन सभागार में आयोजित कार्यक्रम का डीएम जे प्रियदर्शनी ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया ।

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National Girl Child Day: राष्ट्रीय बालिका दिवस पर कार्यक्रमों की धूम, जिलास्तरीय प्रतियोगिता में सफल बालिकाओं को डीएम ने की पुरस्कृत,बच्चियों के बीच सेनिटरी नेपकीन वितरित
फोटो -6 बच्ची को पुरस्कृत करती डीएम

इस अवसर पर आयोजित भाषण प्रतियोगिता में जेएनवी की प्राजक्ता कुमारी को प्रथम, कस्तूरबा गाँधी लोदीपुर की निभा कुमारी को द्वितीय एवं कस्तूरबा गाँधी की छात्रा अंशु कुमारी को तृतीय पुरस्कार से नवाजा गया। संगीत प्रतियोगिता में जेएनवी प्रथम, कस्तूरबा गाँधी चेवाड़ा द्वितीय कस्तूरबा गाँधी बेलछी तीसरा स्थान प्राप्त किया। साथ ही सभी कस्तूरबा गाँधी बालिका विधालय को सेनिटरी नेपकीन का भी वितरण किया गया। डीएम ने अपने संबोधन में कहा कि महिला होने पर हमें गर्व महसूस करना चाहिए। आज महिलाएँ किसी से पीछे नही है। हर क्षेत्र में महिलाओं सफलता हासिल कर रही हैं।

रानी लक्ष्मी बाई , किरण बेदी सहित कई महान हस्तियों का जिक्र करते हुए कहा गया कि उनसे आगे बढ़ने की प्रेरणा लेने की जरुरत है। उन्होने पॉक्सो कानून के प्रति लोगों के बीच जागरुकता की आवश्यकता पर बल देते हुए उसके प्रचार-प्रसार करने को कहा। उन्होने इसी संदर्भ का जिक्र करते हुए गुड टच एवं बैड टच के वारे में बच्चों को जागरुक किया जा सकता है।इस अवसर पर अपर समाहर्त्ता सियाराम सिंह एवं सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार सिंह ने अपने संबोधन में एक बेटी के बाप होने के अपने व्यक्तिगत अनुभवों को साझा कर समाज में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को उल्लेखित किया गया।

मालूम हो की इस दिवस के मनाने का मुख्य उद्देश्य देश की बालिकाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना, समाज में उनके विकास के लिए समान अवसर और सम्मान दिलाने की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित कराना है तथा बालिकाओं के साथ होने वाले भेद-भाव को खत्म करना है। देश की आजादी के बाद से केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा बेटियों और बेटों में भेद-भाव खत्म करने के लिए कई योजनाएं चलाई गई। बेटियों के साथ भेद-भाव न हो इसके लिए कई कानून भी लागू किये गये जिसका सफल परिणाम भी मिला है। आज कई बेटियों ने समाज के सभी आयामों में सफलता के झंडे गाड़े है।इस अवसर पर डीडीसी अरुण कुमार झा, एसडीओ सतीश रंजन, महिला हेल्पलाईन के पदाधिकारी अमृता दयाल सहित अन्य उपस्थित थे।

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