बाल किलकारी केंद्र पर पहुंचकर बुजुर्ग ने जीवन संघर्ष की कहानी साझा की
अरियरी। स्कूली बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा बाल किलकारी योजना शुरू की गई है। जिले में इस योजना के तहत अरियरी प्रखंड के बेलछी गांव स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय को इसका केंद्र बनाया गया है। यहां प्रत्येक रविवार को बालिकाओं को जीवन के विभिन्न पहलुओं से लड़ने जूझने और उसका समाधान पाने के लिए बुजुर्गों के अनुभवों का सहारा लिया जा रहा है । इसी कड़ी में रविवार को प्रख्यात आचार्य बेलछी गांव निवासी अखिलेश्वर पांडे ने बाल किलकारी केंद्र पहुंचकर कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के छात्राओं के साथ अपने जीवन के संघर्ष की कहानी साझा की।
उन्होंने बालिकाओं को आगे बढ़ाने के लिए अपने जीवन के कुछ अनछुए पहलुओं की जानकारी दी। उन्होंने बालिकाओं को पढ़ाई के साथ-साथ अन्य गतिविधियों में भी शामिल होने की सलाह दी। उन्होंने सभी बालिकाओं को शिक्षकों द्वारा दिए जाने वाले नैतिक पाठ को जीवन में गांठ बांध लेने की भी सलाह दी ।उन्होनें बताया कि सफल जीवन के लिए नैतिकता के मार्ग पर चलना सभी के लिए पहली प्राथमिकता है। उन्होनें जोड़ देकर कहा कि मां पिता के साथ-साथ शिक्षक और गुरुजनों को भी हमेशा सम्मान देने की आदत अभी से ही डालनी होगी। इसके पूर्व उनके विद्यालय पहुंचने पर बालिकाओं ने उनका आदर से चरण पखारते हुए मान सम्मान प्रदान किया।
इस अवसर पर विद्यालय के वार्डन वाजदा तबस्सुम, शिक्षिका रूबी कुमारी ,बाल किलकारी के विशेष अनुदेशक अनमोल कुमार आदि भी मौजूद रहे। बाल किलकारी केंद्र पर इसके अलावा बालिकाओं को विभिन्न खेलकूद के साथ-साथ आत्म रक्षण के गुर कराटे का भी अभ्यास कराया गया। अपने बीच बुजुर्ग को पाकर सभी बालिकाएं काफी प्रसन्न और उत्साहित दिख रही थी। बाल किलकारी केंद्र द्वारा खेल-खेल में बालिकाओं को विशेष प्रशिक्षण देने के काम में भी सभी पूरे मनोयोग से जुटी रही।