शेखपुरा न्यूज़

Collectorate Complex: विद्यालय रसोईया संघ के बैनर तले कलेक्ट्रेट के समक्ष रोष पूर्ण प्रदर्शन , हल्ला बोल कार्यक्रम के तहत शहर में निकाला जुलूस, जमकर की नारेबाजी

शेखपुरा। शुक्रवार को बिहार विद्यालय रसोईया संघ के बैनर तले जिले के विभिन्न सरकारी विद्यालयों में कार्यरत महिला और पुरुष रसोइयों ने हल्ला बोल आंदोलन के तहत शहर में विशाल जुलूस निकला। साथ ही कलेक्ट्रेट के समक्ष रोष पूर्ण प्रदर्शन किया। बाद में आंदोलनकारियों का एक शिष्टमंडल डीएम को ज्ञापन सौंपा। जबकि अपनी मांगों के समर्थन में पुरजोर तरीके से नारेबाजी की।

Collectorate Complex: विद्यालय रसोईया संघ के बैनर तले कलेक्ट्रेट के समक्ष रोष पूर्ण प्रदर्शन , हल्ला बोल कार्यक्रम के तहत शहर में निकाला जुलूस, जमकर की नारेबाजी
बैनर तले कलेक्ट्रेट के समक्ष रोष पूर्ण प्रदर्शन

राज्य एवम केन्द्र सरकार के खिलाफ चलाए गए इस आंदोलन में शामिल लोगो ने सरकारी स्कूलों में कार्यरत रसोइयों को सरकारी दर्जा देने, मानदेय में वृद्धि करने, बेवजह रसोइयों प्रताड़ित न करने, नौकरी से निकाल दिए जाने का धमकी देना बंद करने सहित अन्य मांगों को दोहरा रहे थे। आंदोलन का नेतृत्व भाकपा माले नेता और एक्टू के जिला संयोजक कमलेश प्रसाद कर रहे थे। जबकि आंदोलन में माले के जिला सचिव विजय कुमार विजय, कमलेश कुमार मानव, राजेश कुमार राय सहित अन्य मौजूद थे। यह जुलूस शहर के टाउन हॉल, कटरा चौक, चांदनी चौक होते हुए कलेक्ट्रेट के गेट पर पहुंचा । जहां प्रदर्शन में तब्दील हो गया।

इस प्रदर्शन में रसोईया दीदियों को सरकारी कर्मी का दर्जा दो, स्कूलों में एनजीओ के जरिए मध्यान भोजन का सप्लाई बंद करो, 1650 में दम नहीं 28000 से काम नहीं, हटाए गए रसोइयों को तुरंत बहाल करो जैसे अन्य गगन भेदी नारे लग रहे थे।मौके पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए बिहार राज्य विद्यालय रसोईया संघ के नेत्री बेबी देवी ने कहा कि रसोईया के समस्याओं के समाधान के लिए बिहार राज्य विद्यालय रसोईया संघ लंबे समय से संघर्षरत है कई सालों से रसोईया संघ द्वारा मानदेय में बढ़ोतरी को लेकर प्रदर्शन किया जा रहा है लेकिन केंद्र और राज्य सरकार को अब तक इस पर नजर नहीं पड़ी है जो निंदनीय और अन्यायपूर्ण है।

इस संबंध में ऐक्टू जिला संयोजक ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से रसोइयों के मानदेय में कोई वृद्धि नहीं की गई है। बिहार सरकार भी वार्ता में दिए आश्वासन से पीछे हट गई है। रसोइयों को न्यूनतम मजदूरी से कम पर मात्र 1650 पर वह भी साल में 10 महीने पर काम कर रही है अगर सरकार रसोइयों की मांगों को नहीं मानेगी तो 21 फरवरी को बिहार विधानसभा के समक्ष प्रदर्शन किया जाएगा। मौके पर विशेश्वर महतो , आइसा नेता रिक्की खान, अनीता देवी, सुनीता देवी, उर्मिला देवी, गीता देवी, सबूजा देवी ,ममता देवी आदि ने संबोधित किया।

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