शेखपुरा न्यूज़। डीएम सावन कुमार की अध्यक्षता में जल-जीवन-हरियाली से संबंधित की समीक्षात्मक बैठक कलेक्ट्रेट स्थित मंथन सभागार में आयोजित की गई। डीएम ने कहा कि कि जलवायु परिवर्तन से मानव अस्तित्व पर ही संकट के बादल खड़े हो गये है। इसी परिप्रेक्ष्य में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा वर्ष 2019 को जल-जीवन-हरियाली योजना की शुरूआत की गई थीं। वर्तमान में यह योजना अपने दूसरे फेज में कार्य कर रही है। जो 2022 से 2026 तक चलेगी। जल-जीवन-हरियाली योजना शुरू करने का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संतुलन को बनाये रखना, वातावरण में हरियाली हो ताकि इसका लाभ हमें ऑक्सीजन के रूप में मिलता रहे। इस योजना के तहत बड़े पैमाने पर पौधा रोपण का कार्य किया जा रहा है जिससे वातावरण में हरियाली हो और वर्षा अधिक मात्रा में प्राप्त हो। पेड़-पौधे अधिक लगाये जाने से भूक्षरण नहीं होता है एवं ऐसा एक अनुमान है कि एक पेड़ साल में 20 किलो॰ धूल सोखता है, एवं 700 किलो॰ ऑक्सीजन छोड़ता है और 20 हजार किलो॰ कार्बन डाईऑक्साइड भी सोखता है।

स्वच्छ एवं संतुलित पर्यावरण के लिए पृथ्वी पर 33 प्रतिशत हरियाली का होना अत्यंत ही आवश्यक है। किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त मात्रा जल की आपूर्ति होती है। शहरीकरण एवं निजी स्वार्थ के कारण हमलोग लगातार पेड़ों की कटाई करते जा रहें है। इसका नतीजा यह हुआ कि इसने पर्यावरण को असंतुलित कर दिया या तो हम सूखे अथवा अल्पवृष्टि अथवा अतिवृष्टि के शिकार होते जा रहें है। हमारी कृषि को जब वर्षा की आवश्यकता होती है। तब समय पर वर्षा नहीं मिल पाता है। कम वर्षा से तालाब, आहर, पईन, जलाशय, आदि में वर्षा का जल संचयन नहीं हो पाता है। जिससे एक तरफ भूजल स्तर काफी गिर जाता है। जिससे किसानों को प्रतिकूल स्थिति से जूझना पड़ता है। जल-जीवन-हरियाली योजना अंतर्गत इन्हीं समस्याओं को दूर करने के प्रयास के तहत राज्य में कई तरह की प्राथमिकताएॅ निर्धारित की गई। जैसे-अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाने का कार्य, सभी सार्वजनिक कुओं की ठीक तरह से मरम्मत करना। आहर, पईन, नदी नहर आदि को अवैधरूप से मुक्त करना ताकि वर्षा का जल संचयन हो सकें और खेतों तक जल को पहुॅचाया जा सकें।
वर्षा जल का संचयन, सोखता का निर्माण आदि का कार्य इस योजना के तहत किया जा रहा है। ताकि लोगों के जीवन को सुगम बनाया जा सकें। जल-जीवन-हरियाली योजना के सफलता के लिए ग्रामीण विकास, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन, राजस्व व भूमि सुधार, लघु जल संसाधन, नगर विकास, पी॰एच॰ई॰डी॰, कृषि, भवन, सूचना एवं जन-सम्पर्क बिहार, पटना आदि को शामिल किया गया है।
जिला जन-सम्पर्क पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि इसमें 11 अव्यव और 09 विभागों को शामिल किया गया है। बिहार सरकार द्वारा पर्यावरण को संतुलित रखने के लिये पर्याप्त मात्रा में जल व प्रकृति में हरियाली बनाये रखने के उद्देश्य से जल-जीवन हरियाली योजना की शुरूआत की गई। इस योजना के द्वारा बिहार में कई कार्य किये जा रहे है जैसे-पहाड़ी क्षेत्रों में चैक डैम, का निर्माण, वृक्षारोपण का कार्य, तालाब निर्माण, सार्वजनिक कुओं का मरम्मतिकरण आदि भवनों में जल संचयन संरचना का निर्माण सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिया जाना जल संरचनाओं को अतिक्रमण से मुक्त कराना सहित अन्य शामिल है।
Source:शेखपुरा की हलचल